बच्चों ने दिखाया 10 में दस का दम
दरभंगा : सीबीएसई 10 वीं की परीक्षा के रिजल्ट में विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने 10 में दस का दम दिखा क
दरभंगा : सीबीएसई 10 वीं की परीक्षा के रिजल्ट में विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने 10 में दस का दम दिखा कर भावी जीवन का लक्ष्य बताया। 10 सीजीपीए प्राप्त करने वाले छात्रों में अधिकांश ने इंजीनिय¨रग को अपने जीवन का लक्ष्य बताया तो कुछ ने डॉक्टर और आइएएस बनने की इच्छा जताई है। जीसस एंड मेरी एकेडमी के छात्र अली दाबर मुश्ताक को 10 सीजीपीए मिला है। मारवाड़ी
कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. मुशताक अहमद के पुत्र अली दावर की इच्छा इंजीनियर बनने की है। मदारपुर निवासी पत्रकार रमारमण आचार्य के पुत्र साकेत आचार्य ने भी जीसस एंड मेरी एकेडमी से 10 प्वाइंट अर्जित किया है। उसने भी इंजीनियर बनने की इच्छा जताई है। अपनी सफलता का श्रेय उसने दादा गौरी शंकर आचार्य व मामा सतीश चंद्र झा को दिया है। डॉन बॉस्को स्कूल की छात्रा अर्चिता की इच्छा भी इंजीनियर बनने की है। बाकरगंज नवल किशोर की पुत्री अर्चिता ने कहा कि इंजीनिय¨रग का स्कोप अधिक है। मधुबनी जिले के रामपटटी निवासी व लहेरियासराय के समाचारपत्र विक्रेता शंकर झा की पुत्री ज्योति वत्स झा ने 10 प्वाइंट अर्जित किया। उसे प्रशासनिक सेवा में जाने की इच्छा है। बाकरगंज निवासी प्रमोद कुमार की पुत्री अंजलि कुमारी ने होली क्रास स्कूल से 10 प्वाइंट बनाए। वह मेडिकल में जाएगी। किलाघाट के बैंक कर्मचारी मो. कैसर आलम की पुत्री महेविस सदफ ने वुडबाइन मॉडर्न स्कूल से 10 प्वाइंट पाये। वह भी मेडिकल क्षेत्र में मुकद्दर आजमाएगी। जेपी चौक लक्ष्मी सागर के अजय गुप्ता के पुत्र गौरव गुप्ता को भी 10 सीजीपीए मिला। शास्त्री नगर एकमी रोड निवासी चन्देश्वर गुप्ता की पुत्री स्वाति सुमन ने भी 10 अंक अर्जित कर आइआइटी करेगी। बड़ा बाजार निवासी पवन लाठ के पुत्र आयुष लाठ ने रोज पब्लिक स्कूल से 10 में 10 प्वाइंट पाये। जगदीश प्रसाद गुप्ता और गुलाब गुप्?ता की पुत्री शशि कुमारी की इच्छा इंजीनियर बनने की है। केंद्रीय विद्यालय नं. 2 के छात्र आशुतोष कुमार आइआइटी से इंजीनिय¨रग करना चाहता है। बहेड़ा के बघौल निवासी शिक्षक सुनील मिश्र व कल्पना देवी के पुत्र को 10 सीजीपीए मिला है। दवा व्यवसायी और अयाचीनगर बेंता निवासी हिरेन्द्र कुमार झा की पुत्री साक्षी का लक्ष्य डाक्टर बनने का है। डीएमसीएच में स्वास्थ्य प्रबंधक कमल कुमार उपाध्याय के पुत्र प्रियांशु राज ने भी अपनी मेधा का परचम लहराते हुए 10 में 10 का दम दिखाया है। अनिल कुमार शर्मा और शोभा देवी के पुत्र विशाल कुमार और आकाश कुमार को 10 में 10 प्वाइंट मिला है। उर्दू मुहल्ले के शबनम टेंट हाउस के मालिक खुर्शीद आलम की पुत्री एमन परवीन ने डान बास्को स्कूल से 10 प्वाइंट पाए। ऐमन डाक्टर बनेगी। सिनुआरा निवासी दवा व्यवसायी अजय शंकर चौधरी और बेबी चौधरी की पुत्री काजल चौधरी ने होली क्रास स्कूल से 10 अंक प्राप्त किए। वह इंजीनियर बनेगी। ज्ञात हो कि काजल को पहले भी गणित में कई मेडल और पुरस्कार मिल चुके है। कृष्णापुरी अल्लपट्टी निवासी कुंवर प्रसाद यादव और मीना कुमारी की पुत्री शालू कुमारी को भी 10 में 10 अंक मिला है। दुमदुमा निवासी शिक्षक ओजैर अहमद और कहकशां अंजुम की पुत्री फजीलत रहमानी की इच्छा डाक्टर बनने की है। लक्ष्मीसागर छपकी परड़ी निवासी माधव चन्द्र और सरिता चन्द्रा की पुत्री प्रेरणा प्रसून भी डाक्टर बनने की इच्छा रखती है। रोज पब्लिक स्कूल की स्नेहा ने बिना कोई ट्यूशन पढ़े प्रतिदिन 8 से 9 घंटे पढ़कर 10 प्वाइंट अर्जित किए है। मुकुंद चौधरी व इंडिला देवी की पुत्री स्नेहा ने कहा कि वह आगे चलकर इंजीनियर बनेगी। विजय कुमार झा के पुत्र शिवांशु कुमार झा ने 10 अंक लाकर मेघा का परिचय दिया है। विष्?णु कुमार सरावगी व पूनम सरावगी की पुत्री इशा सरावगी ने 10 अंक अर्जित अपने को मेघावी बच्?चों की सूची में शामिल किया है।
स्कूल के दावे एक नजर में
नाम कुल छात्र 10 सीजीपीए
दरभंगा पब्लिक स्कूल 136 11
इकरा एकेडमी 129 07
सरस्वती विद्या मंदिर मनीगाछी 37 02
होली मिशन स्कूल 178 10
एंजिल हाईस्कूल 49 02
दिल्ली पब्लिक स्कूल 55 08
जीसस एंड मेरी एकेडमी 538 44
पब्लिक स्कूल दरभंगा बेला 230 12
रोज पब्लिक स्कूल 568 17
महात्मा गांधी शिक्षण संस्थान 273 48
ज्ञान भारती पब्लिक स्कूल 295 17
डॉन बास्को स्कूल 160 157
केन्द्रीय विद्यालय नं. 1 42 02
होली क्रास स्कूल 155 40
हर स्कूल का अपना अपना दावा
अपने अपने यहां छात्रों की संख्या और 10 सीजीपीए वाले छात्रों की संख्या को लेकर निजी स्कूलों के दावे भी अलग अलग है। किस स्कूल में कुल कितने बच्चों ने परीक्षा दी, कितने अनुपस्थित रहे और किस को कौन सा ग्रेड मिला इसकी किसी स्वतंत्र स्त्रोत से पुष्टि नहीं हुई। स्कूल वार रिजल्ट देर से आने के कारण प्रतिद्वंदी स्कूलों ने भी कोई समेकित सूची इस वर्ष जारी नहीं की। रोचक बात तो यह है कि स्कूल आधारित परीक्षा लेने वाले भी 10 प्वाइंट प्राप्त करने के मामले में बोर्ड आधारित स्कूलों से तुलना करने में पीछे नहीं है। जबकि, बोर्ड आधारित परीक्षा देने वाले बच्चों का केंद्र भी दूसरे स्कूलों में था और उनकी उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी सीबीएसई ने अपने स्तर से पूरी गोपनीयता बरतते हुए कराया था। जबकि स्कूल आधारित परीक्षा अपने गृह केंद्रों पर हुई और उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी अपने ही स्कूल के शिक्षकों ने किया। दोनों में समानता केवल इतनी है कि सीबीएसई ने दोनों प्रकार के बच्चों का रिजल्ट मात्र एक साथ प्रकाशित किया है। इसी को आधार बनाकर घटिया स्तर के स्कूल आधारित परीक्षा लेने वाला प्रबंधन भी 10 सीजीपीए का दावा कर रहा है।