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झटके पर झटका, हर तरफ खौफ व पलायन

रमा रमण आचार्य, दरभंगा : दो दिनों से भूकंप के तगड़े व हल्के झटके ने लोगों को हिला कर रख दिया है। प्

By Edited By: Published: Mon, 27 Apr 2015 01:02 AM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2015 01:02 AM (IST)
झटके पर झटका, हर तरफ खौफ व पलायन

रमा रमण आचार्य, दरभंगा : दो दिनों से भूकंप के तगड़े व हल्के झटके ने लोगों को हिला कर रख दिया है। प्रकृति के आगे लोग बेबश व लाचार हो गए हैं। बचाव के लिए लोगों को कुछ नहीं दिख रहा है। लोगों के मरने व मकानों के क्षतिग्रस्त होने का सिलासिला जारी है। शनिवार को लोग पूरे दिन व रात भूकंप के होने व आने की आशंका के खौफ में रहे।लोग सड़कों पर व खुले स्थानों में सपरिवार रात बिताए। रविवार को लोग प्राकृतिक विपदा से उबरे। एक ओर शासन व प्रशासन जहां राहत व बचाव कार्य में लग गए तो आम आदमी अपनी दिनचर्या में। अचानक 12.45 बजे भूकंप के झटके महसूस हुए। लोग जहां थे उसी अवस्था में खुले स्थान की ओर भागे। लोग सड़कों पर आ गए। दरभंगा टावर पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने दरभंगा टावर पर लगे वॉच टावर को हिलते देखा। कल व आज के भूंकप में काफी समानता दिखी। शनिवार को पहली बार 11.41 बजे धरती डोली थी तो आज 12.45 बजे। भूकंप का दूसरा हल्का झटका 2.10 बजे महसूस हुआ। कल से लेकर आज तक हुए छह-सात झटके से लोग प्रकृति के आगे पूरी तरह से विवश व लाचार हो गए हैं। शहर में तीसरी व चौथी मंजिलों पर रहने वाले लोग गांव की ओर पलायन करने लगे हैं। शहर के मदारपुर मोहल्ले में दो बच्चों के साथ रह रही चित्रा कुमारी रविवार को अपने गांव चली गईं। कहती हैं ऐसा भूंकप कभी नहीं देखा था। चौथी मंजिल मकान पर रहती हूं। बार बार भूकंप के दौरान नीचे आने में परेशानी होती है। सुरक्षा के ²ष्टिकोण से गांव जा रही हूं। उसी मोहल्ले के शिक्षक संजय झा का कहना था कि ऐसी प्रलय की स्थिति कभी नहीं देखी थी। बड़े बुजुर्गों का भी कहना है कि ऐसा भूकंप नहीं देखा था। भूकंप से दो दिनों में दर्जनभर लोगों की मौत हो चुकी हैं। दर्जनों लोग जख्मी हैं। सैंकड़ों घर धाराशायी हो चुके हैं। सैकड़ों मकानों में दरार पर गई है। सब कुछ अस्तव्यस्त हो गया है। पूरा शहर दिन व रात सड़कों व खुले स्थानों पर काट रहे हैं।

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ऐसा भूकंप कभी नहीं देखा था : शहर के मदारपुर निवासी वीरेंद्र नारायण ¨सह ने कहा कि ऐसा भूकंप अपनी ¨जदगी में कभी नहीं देखा था। 1988 के भूकंप में भी धरती इतने देर तक नहीं हिली थी। मदारपुर के रवि शंकर झा का कहना था कि इस बार भूकंप के बार बार के झटके से लोग दहशतजदा हैं। उपर व नीचे से लोग प्राकृतिक आपादा झेल रहे हैं। मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष कमलाकांत झा का कहना था कि यह भीषण प्राकृतिक त्रासदी थी। संयोग रहा कि यह घटना दिन में घटी जिसके कारण जानमाल का कम नुकसान हुआ। ईश्वर का शुक्र था कि क्षति व नुकसान ज्यादा नहीं हुआ।


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