जींस -टॉप प्रकरण : आज कोर्ट में बयान देगी लड़की!
जासं, दरभंगा : जींस-टॉप वाली लड़की प्रकरण में पुलिस और परिजनों के बदलते बयान के बीच छुपे रहस्यों का ज
जासं, दरभंगा : जींस-टॉप वाली लड़की प्रकरण में पुलिस और परिजनों के बदलते बयान के बीच छुपे रहस्यों का जल्द ही पता चलने वाला है। लड़की के हाथ से मिले खत का छेड़खानी से वास्ता है या कुछ और बात, पूरा मामला जांच रिपोर्ट के नतीजों और कोर्ट में उसके इकबालिया बयान पर आकर अटक गया है। बुधवार को लड़की को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। वह अब महिला थाना पुलिस की अभिरक्षा में है। उसके परिजन और कंपनी के लोग भी थाने में ही मौजूद थे। पुलिस के अनुसार, इतना सब कुछ हो गया तो बयान भी होगा ही। पता चला कि गुरुवार को ही कोर्ट में उसका इकबालिया बयान होना है। उस बयान में वह क्या कहती है यह देखना दिलचस्प होगा। फिलहाल मेडिकल जांच रिपोर्ट और उम्र के सत्यापन वाली रिपोर्ट भी आ चुकी है। अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को सील रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट से यौनाचार या किसी तरह की जोरजबर्दस्ती और उसकी उम्र का भी खुलासा हो सकेगा। खून की जांच के लिए नमूना पटना फॉरेंसिक लैब भेजा गया है। इस रिपोर्ट के आधार पर यह पता चल सकेगा कि लड़की ड्रग एडिक्टेड है या सिर्फ घटना के दिन उसे किसी ने नशे की सूई देकर बेहोश कर दिया था। महज डिप्रेशन में आकर सुधबुध गंवा देने वाली लड़की की तरफ से जारी पुलिसिया बयान के पीछे असलियत का भी खुलासा हो जाएगा।
एक दिन में चार बार देनी पड़ी सफाई : घटना को लेकर पुलिस की तरफ से 24 घंटे में चार बार सफाई पेश की गई। घटना के दिन अपराह्न तीन बजे एसएसपी ने अपने चेंबर में मीडिया से बातचीत में कहा कि फिलहाल कोई बात स्पष्ट नहीं हो पा रही है। फिर उसी दिन रात आठ-साढ़े आठ बजे के लगभग सदर थाने में प्रेस कांफ्रेंस कर पूरी स्थिति स्पष्ट कर मामले को वहीं खत्म होने की बात कही। फिर अगले दिन डीएमसीएच के गायनिक वार्ड में भर्ती लड़की के परिजनों की मौजूदगी में भी प्रेस कांफ्रेंस रखी गई। चौथी बार रात दस बजे एक आरोपी की गिरफ्तारी के सिलसिले में प्रेस कांफ्रेंस बुलाई गई।
डॉक्टरी रिपोर्ट नार्मल तो लड़की कैसे एबनॉर्मल : तमाम जांच रिपोर्ट आ भी नहीं पाई, तब तक पुलिस ने लड़की की हालत को बिल्कुल स्थिर बता दिया। उसने कहा कि डॉक्टरी रिपोर्ट नार्मल आई है। अब सवाल उठता है कि नार्मल लड़की के जीवन में अचानक कैसी त्रासदी आ गई कि उसे तीन दिनों तक आइसीयू में भर्ती रहना पड़ गया। उसका सीटी स्कैन, ईसीजी, एवीजी व छोटे-मोटे तमाम टेस्ट नार्मल बताए गए हैं। तो किस आधार पर पुलिस वालों ने लड़की को एबनॉर्मल करार दिया था।
लड़कियों की मुस्कान पर हवालात पहुंचा प्रसन्न : लड़की को इस हालत में पहुंचाने के लिए कसूरवार ठहराए गए प्रसन्न कुमार चौधरी ने जेल जाने से पहले बुधवार शाम लहेरियासराय थाना कैंपस में जो कुछ बताया वह सुनकर मामला फिर संदिग्ध बन गया। आइए, बताते हैं क्या कुछ कहा उसने-'हुजूर, मैं चार बेटियों का बाप हूं। एक बेटी तो बीए में पढ़ती है। एक बेटा भी है। यह बात सच है कि उन लड़कियों पर हमने फब्तियां कसी थी। लेकिन, मामला इतना बिगड़ जाएगा यह सोचकर हैरान हूं। क्योंकि, उन लड़कियों के हाव-भाव देखकर कोई भी छींटाकशी कर देता। लोगों से सामान खरीदने के लिए वह बेअहाई से बात करती। मुझसे भी वो मिली थी और सामान खरीदने की बात बात कही थी। मैं ठहरा किसान इसलिए उनके सामान की हमें कोई जरूरत न थी। हमने इंकार किया तो वह सब मुस्कुराकर हमें घूरने लगीं। उनकी मुस्कुराहट में मैं भी बह गया और थोड़ी मस्ती सुझी। वो लड़कियां भी फिर मिलने की बात कहकर निकल गई। बस इतनी ही देर की मुलाकात उन सब से हुई। मंगलवार को पुलिस गिरफ्तार करने पहुंची तो पता चला उनसे बातचीत करना ही हमारा जुर्म था।'
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कंपनी कार्यालय के इलाके में भी चर्चा जोरों पर : बोकारो के नवाडीह की रहने वाली वह लड़की ओएसिस नामक कंपनी के लिए काम करती है। दरभंगा के लक्ष्मीसागर मोहल्ले में कंपनी का दफ्तर है। कंपनी के किराये के कमरे में वह दो अन्य लड़कियों के साथ रह रहती आ रही थी। यहां के कुछ लोगों ने पूछने पर बताया कि सप्ताह दिन पहले ही वह सब यहां ज्वाइन की थी। लेकिन, उनका रहन-सहन और पहनावा हम लोगों को भी अटपटा लग रहा था। लेकिन, हम सब करते क्या उनका निजी मामला था।
क्या था मामला जो पकड़ा तूल :
सोमवार को यहां जिलाधिकारी के आवास के पास बेहोशी की हालत में वह लड़की सड़क किनारे पाई गई। लड़की ने कुछ पल के लिए आंखें खोली तो पुलिस को दिए बयान में वह खुद के साथ हुई ज्यादती की दास्तां बयां करने लगी। उसने कहा कि हमें म्यूजियम गुमटी के पास किसी ने कार में खींच लिया और अंदर कपड़े से मुंह ढंक दिया। होश आने पर मैं लहेरियासराय में थी। इतना कहकर वह दोबारा बेहोश हो गई। उसने कुछ बयान दिया और वह पत्र दिखलाया। पत्र में लिखा था-'कोई भी लड़की जींस पहने नजर आ गई तो उस लड़की का भी वहीं हाल होगा जो इस लड़की का हुआ है। जींस पहनना हमारे यहां की संस्कृति नहीं है। इसलिए आप यानी पुलिस अफसर लोग इस बिहार में जींस पहनने के लिए मना कर दीजिए। वरना ये लड़की तो आपको कपड़ों के साथ मिली है, दूसरी लड़की बिना कपड़ों की होगी।' उस पत्र में जिन बातों का जिक्र था उसको लेकर बेचैनी बढ़नी स्वाभाविक थी। आखिर उस लड़की के साथ ऐसा क्या हुआ था।