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...तो आतंकियों से मिले हैं विधायक गामी!

बिहार में सियासी उठापटक के बीच दरभंगा के हायाघाट से भाजपा के चर्चित विधायक अमरनाथ गामी पर संगीन इल्जाम के बाद हड़कंप मच गया है। पुलिस मुख्यालय और सरकार ने एक गुमनाम पत्र के आलोक में जांच के आदेश दिए हैं।

By pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 16 Feb 2015 10:12 AM (IST)Updated: Mon, 16 Feb 2015 10:15 AM (IST)
...तो आतंकियों से मिले हैं विधायक गामी!

दरभंगा। बिहार में सियासी उठापटक के बीच दरभंगा के हायाघाट से भाजपा के चर्चित विधायक अमरनाथ गामी पर संगीन इल्जाम के बाद हड़कंप मच गया है। पुलिस मुख्यालय और सरकार ने एक गुमनाम पत्र के आलोक में जांच के आदेश दिए हैं। पांच पन्नों वाले उस पत्र में विधायक गामी पर आरोपों की झड़ी लगी है। इसके मुताबिक उनकी और उनके एक भाई की माओवादियों से साठगांठ हैं। पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि 2012 में बोधगया में हुए सीरियल बम ब्लास्ट में उनके हाथ रहे हैं। डीजीपी ने उन आरोपों की जांच के आदेश दिए, जिसकी तहकीकात और पूछताछ के लिए रविवार को पुलिस विधायक के घर पहुंची।

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विधायक को वह पत्र पढ़कर सुनाया गया, जिसमें कुल 18 बिन्दुओं का जिक्र है। उसके मुताबिक, विधायक पर यह भी आरोप है कि बिहार में चापाकलों में जहर डालने के पीछे भी उनका ही हाथ है। विधायक गामी ने पुलिस को इन आरोपों के बारे में अपनी ओर से सफाई देने के बाद मीडिया को स्वयं इसकी जानकारी दी है। कहा, अब मांझी जी के राज में हम लोगों को यह दिन भी देखने को मिल रहे हैं। विधायक ने कहा कि लंबे राजनीतिक कॅरियर में हमारे ऊपर मारपीट तक का कोई केस दर्ज नहीं है। जबकि, पुलिस हम पर माओवादी और आतंकवादी जैसे क्या-क्या आरोप लगा रही है। विधायक ने कहा कि जो पत्र हमें दिखाया गया वह डीजीपी ने जांच के लिए भेजा था। वह पत्र डीजीपी के यहां से 31.10.2014 को अग्रसारित है। जबकि, जन शिकायत कोषांग से प्रधान सचिव के दस्तखत से 19 जनवरी, 2015 को भेजा गया है। गामी ने कहा कि कोई गुमनाम व्यक्ति एक विधायक पर ऐसे संगीन इल्जाम लगाता है और डीजीपी व प्रधान सचिव जैसे आलाधिकारी आंख मूंदकर उस पर जांच के आदेश दे देते हैं। यह ब्यूरोक्रेट्स की मनमानी और लापरवाही का द्योतक है। हम सरकार से इसकी निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग करते हैं।

इधर, मामला गरमाने के बाद पुलिस के तमाम बड़े अफसर यहां तक कि नगर थानाध्यक्ष अजीत कुमार राय भी जिन्होंने विधायक के घर तहकीकात के लिए एक अफसर को भेजा था वे भी मुकर गए। थानाध्यक्ष ने यहां तक कह दिया कि विधायक जी झूठ बोल रहे हैं। जबकि, उनके थाने के एएसआइ शंभू राय ने कहा कि हां, मैं विधायक जी के घर वह पत्र लेकर गया हुआ था। पत्र में उन पर जो इल्जाम लगे हैं उसके बारे में विधायक जी से पूछताछ की गई। इधर, सिटी एसपी हिमांशु शंकर त्रिवेदी से पूछे जाने पर उन्होंने भी इंकार कर दिया। बोले, नगर थानाध्यक्ष अजीत राय ने मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। अगर ऐसा है भी तो मुझसे इजाजत लिए बगैर वह किसी अफसर को विधायक के घर कैसे भेज सकते हैं। इसकी छानबीन की जाएगी।


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