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सम्मेलन में मिथिला व मैथिली के विकास पर जोर

जागरण संवाददाता, दरभंगा : अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद की ओर से 27 वां अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन रव

By Edited By: Published: Mon, 22 Dec 2014 01:08 AM (IST)Updated: Mon, 22 Dec 2014 03:38 AM (IST)
सम्मेलन में मिथिला व मैथिली के विकास पर जोर

जागरण संवाददाता, दरभंगा : अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद की ओर से 27 वां अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन रविवार को शुरू हुआ। इसमें मिथिला व मैथिली के विकास पर मंथन के साथ ही अभियान चलाने का संकल्प लिया गया।

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सीएम साइंस कॉलेज के कामेश्वर भवन में आयोजित सम्मेलन का उद्घाटन नेपाल के पूर्व मंत्री रामचंद्र झा ने किया। परिषद के महासचिव प्रेमकांत झा के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में डॉ.भुवनेश्वर प्रसाद गुरमैता ने मिथिला व मैथिली के विकास के लिए एकजुट होकर सशक्त अभियान चलाने पर जोर दिया। परिषद के प्रवक्ता डॉ.धनाकर ठाकुर ने मिथिला के गौरवशाली इतिहास, मजबूत सांस्कृतिक धरोहर व वर्तमान में इसकी दशा तथा भविष्य की दिशा पर प्रकाश डाला। परिषद के अध्यक्ष कमलाकांत झा की अध्यक्षता में हुए सम्मेलन को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि मिथिला में सांस्कृतिक धरोहर के साथ ही प्राकृतिक व मानव संसाधन की कमी नहीं है। क्षेत्र में समस्याओं के निदान के ईमानदार कोशिश नहीं की गई है। केंद्र व राज्य सरकार लगातार हमारी उपेक्षा कर रही है। हमें जागरूकता लाने और अपने संवैधानिक अधिकारों के प्रति सजग होना पड़ेगा। सम्मेलन को राजेश्वर नेपाली, सुषमा झा, प्रो.पीके झा प्रेम समेत कई लोगों ने संबोधित किया। मौके पर परिषद के मुखपत्र 'मैथिली संदेश' व नारायण झा रचित पुस्तक 'प्रतिवादी हम' का लोकार्पण भी किया गया। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में संगठन की मजबूती पर विचार किया गया तथा कवि सम्मेलन हुआ। वहीं सम्मेलन का समापन सोमवार को होगा। इस दिन मिथिला-मैथिली के विकास में प्रवासी की भूमिका पर चिंतन होगा।


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