गूंजने लगी मोहर्रम की मातमी धुनें
संस दरभंगा : मोहर्रम की पांचवी आते ही शहर के कई मोहल्लों में मातमी धून गूंजने लगी है । कहीं नुमाइशी
संस दरभंगा : मोहर्रम की पांचवी आते ही शहर के कई मोहल्लों में मातमी धून गूंजने लगी है । कहीं नुमाइशी खेलों की धूम है तो इमाम बाड़ों पर शीरनी न्याज कराने का सिलसिला तेज हो गया है। रात भर मातमी धुन पर तलवारबाजी, लाठी और खंजर जनी का करतब देखने के लिए तमाशबीनों की भीड़ जुट रही है। बीती रात लाल बाग किलाघाट मौलगंज मोगलपुरा के अखाड़ों ने केले का थाम काटने की रस्म अदा की । किलाघाट के आखाड़ियों ने उस्ताद सैयद मोइनुल हक और मो. जान की सरयरस्ती में रात भर विभिन्न परम्परागत हथियारों का प्रदर्शन किया।कमेटी के सचिव मो. पप्पू व नियाज कुरैशी के नेतृत्व में खिलाड़ियों ने मातमी धुन पर लाठी से वार करने व इससे बचने के जबर्दस्त फन को दिखा कर लोगों की वाहवाही लूटी। नुमाइशी प्रोग्राम में मर्दो से ज्यादा महिलाएं जुट रही हैं। इमामबाड़ी पर अब पहले की भांति सुबह शाम शहनाई से मातमी धुनें नही बजती हैं लेकिन शीरनी न्याज करने की रस्म आज भी जिंदा है। जिला मोहर्रम कमेटी के अध्यक्ष डब्बू खान, सचिव तनवीर आलम न्याउर्रहमान दुलारे, संरक्षक शरफे आलम तमन्ना आदि रात भर धूम कर अखाड़ों का जायजा लेते रहे।
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