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जिसमें हो नेतृत्व की क्षमता वही संभाले कमान

By Edited By: Published: Fri, 18 Apr 2014 09:05 PM (IST)Updated: Fri, 18 Apr 2014 09:05 PM (IST)
जिसमें हो नेतृत्व की क्षमता वही संभाले कमान

छोटा गाव, बड़ा संदेश

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-18 डीआरजी 54 से लेकर 58 तक

बिरौल : लोकसभा चुनाव का धमाल मचा है। प्रत्याशी अपने-अपने ढंग से मतदाताओं को वादों और दावों का झुनझुना थमा रहे हैं। पहली बार मैदान में डटे प्रत्याशी एक बार उन्हें भी मौका देने की बात कर रहे हैं। जनता ने भी समस्याओं के निदान व विकास का एजेंडा तैयार कर रखा है। समस्याओं व उसके निदान के उद्देश्य से दैनिक जागरण की ओर से प्रखंड की अफजला पंचायत के खेबा में जनगोष्ठी की गई। इसमें ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को बेवाकी से रखा।

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-किसने क्या कहा

गीता देवी कहती हैं कि गांव में जल निकासी की समस्या से दिन रात जूझना पड़ता है। इसके समाधान की व्यवस्था होनी चाहिए। राधा देवी ने कहा कि बिजली के पोल व जल निकासी की समस्या से दशकों से जूझना पड़ता है। कई बार प्रयास भी किया गया, लेकिन जनप्रतिनिधि के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। सुशीला देवी ने पंचायत में समुचित स्वास्थ्य व्यवस्था की माग की। उसने आपबीती सुनाई कि गरीबी के कारण पति का समुचित इलाज नहीं होने से असमय मौत हो गई। बेबी देवी को सरकार और जनप्रतिनिधियों से काफी गुस्सा है। कहती हैं कि सभी दावे और वादे करते हैं, लेकिन सड़क व नाला का निर्माण नहीं होता है। पूनम कुमारी, नंदनी कुमारी, चंदा देवी, शाति देवी, आशा देवी ने शिक्षा स्तर में सुधार करने तथा रोजगारपरक शिक्षा देने वाले के पक्ष में वोट करने की घोषणा की।

संजीव कमती कहते हैं कि सड़क व शिक्षा में संतोषप्रद विकास नहीं हुआ है। विकास में गति देने वाले के पक्ष में मत देंगे। ललन चौपाल, अमित महतो, सुशील मंडल ने बिजली की व्यवस्था में सुधार नहीं होने को जनप्रतिनिधि का शिथिलता बताया। राजू कसेरा, गोपाल प्रसाद साह, मदन साह, मनोज साह ने कहा कि गांव में रास्ता, नाला, बिजली की व्यवस्था नहीं है। समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है। अजय कुमार, शिवा सहनी, संतोष यादव, हीरा राईन, रामप्रसाद सहनी, ने बताया कि यहां विद्यालय में पठन - पाठन की समुचित व्यवस्था नहीं है। लड़कियों के लिए कन्या उच्च विद्यालय खुलनी चाहिए। शिवशकर चौधरी, शम्भू सोनी, लालो सहनी, मुन्ना सिंह का मानना है कि सासद स्वच्छ छवि व देश हित के लिए ईमानदारी से काम करने वाला होना चाहिए। वार्ड 7 के सदस्य रामबहादुर चौधरी ने बताया कि बीपीएल धारियों को बिजली नहीं मिल रही है, जिससे अंधेरा छाया रहता है। वार्ड 5 की सदस्या किरण देवी का कहना था कि गरीब हितैषी योजना समय से नहीं मिल पाती है। वार्ड 6 की सदस्य मंजू देवी ने विद्यालय में बच्चों के साथ हो रही नाइंसाफी पर आक्रोश जताते हुए कहा कि विद्यालय में मध्याह्न भोजन, पोषाक, छात्रवृति तथा विकास मद के रुपयों का बंदरबाट कर लिया जाता है। वार्ड 1,2,3,4,8,9,10 में कमोवेश यही समस्या बनी हुई है। जिसे सुनने वाला कोई नहीं है। पंचायत में अवस्थित ऐतिहासिक खादी भंडार जनप्रतिनिधि की अनदेखी के कारण अस्तित्व विहीन हो गई है।

------------------------ -गांधी का सपना हो साकार : सरपंच

सरपंच वचनदेव सहनी ने कहा कि देश की संप्रभुता बचाने, बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने तथा देश को सुरक्षित व विकसित करने का जो साम‌र्थ्य रखता हो उसे ही देश का नेतृत्व करने के लिए चुनना पसंद करेंगे। गाधी जी के सपने को साकार करने हेतु ग्राम पंचायत व कचहरी को सुदृढ़ कर सुचारू ढंग से संचालन करने में सहयोग उपलब्ध कराने वाले सासद बने।

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कायम हो पंचायती राज व्यवस्था : मुखिया

मुखिया बिनोद बम्पर ने कहा कि देश की सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने, गरीबी उन्मूलन कर लोकप्रिय लोकतांत्रिक व्यवस्था कायम रखने वाले सासद व प्रधानमत्री बने। पंचायत राज व्यवस्था के कारण ही गाव का विकास संभव है। इसके लिए प्राथमिकता के तौर पर पंचायत के विकास पर ध्यान देने वाले को लोग पसंद करेंगे।

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दर्द को समझे जनाब

- पंचायत के महादलित टोला भरही, बगाही, उसरार में आज तक विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं हुई है।

- गांव में सड़क का निर्माण नहीं हो सका है। यहां के लोग कीचड़ नुमा सड़क पर चलने को मजबूर हैं।

-जनपट्टी में एयरटेल टाबर के निकट पुलिया की पहुंच पथ पर दीवार खड़ी किए जाने से रास्ता बाधित हो गया है।

- कमला जीवछ नदी में लगे लिफ्ट एरिगेशन खराब।

-सिंचाई के लिए समुचित व्यवस्था हो सके, इसके लिए कारगर उपाय किया जाए।

-लड़कियों के उच्च शिक्षा के लिए कन्या उच्च विद्यालय की स्थापना पर पहल की जरूरत है।

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खादी भंडार के गौरवशाली अतीत को लौटाने की जरूरत

अफजला पंचायत के खादी भंडार का अतीत गौरवशाली रहा है। खादी भंडार क्षेत्र के लोगों के लिए रोजगार का मूल साधन बना हुआ था, जो प्रशासनिक अनदेखी के कारण जीर्णशीर्ण हो गया है। इसकी खाली भूमि पर अतिक्रमणकारियों की कुदृष्टि पड़ चुकी है। इसको लेकर कई बार स्थानीय लोगों ने पहल भी की। लेकिन, पहल सार्थक नहीं होने से समस्या यथावत बन हुई है। बुजुगरें की माने तो खादी भंडार की स्थापना स्थानीय लोगों के सहयोग से आजादी से पूर्व हुई थी। आजादी के बाद स्थानीय लोगों ने दान में दो एकड़ भूमि देकर 22 कमरे के भवन का निर्माण कराया गया था। एक समय था जब देर रात तक घर-घर चरखा चलता था। इससे गांव के लोगों को अच्छी आमदनी होती थी।

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प्रस्तुति-इन्द्रमोहन सिंह

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