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हमें भोंपू के शोर से बचाइए

By Edited By: Published: Fri, 18 Apr 2014 08:27 PM (IST)Updated: Fri, 18 Apr 2014 08:27 PM (IST)
हमें भोंपू के शोर से बचाइए

फोटो 11 से 27 तक

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--यूथ फोरम में ध्वनि प्रदूषण बना मुद्दा

दरभंगा, संस : पारिवारिक, सामाजिक या धार्मिक उत्सव हो लाउडस्पीकर का शोर हमें न पढ़ने देता है और न सोने देता है। यही नहीं सड़क पर दौड़ते कड़क हॉर्न वाले वाहन भी पढ़ने नहीं देते। स्कूल की मर्यादा का भी ध्यान नहीं रखा जाता, जहां जाओ भोंपू का शोर पीछा करता है। कानून तो है कि रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर नहीं बजा सकते, लेकिन शहर में न प्रशासन जागरूक है और न जनता। इसके उलट कानफाड़ू आवाज में गायन प्रतियोगिता होती है। जिस प्रकार चुनाव के दौरान रैलियों-सभाओं तथा प्रचार पर रोक लगाने के प्रति चुनाव आयोग गंभीर है। उसी प्रकार हम भी ध्वनि प्रदूषण के प्रति थोड़ा भी सचेत हो जाएं तो यह रोकी जा सकती है। दैनिक जागरण के यूथ फोरम कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को मैनर्स पब्लिक स्कूल दिलावरपुर के बच्चों ने ध्वनि प्रदूषण से उत्पन्न परिस्थिति और इसके निदान के कारगर उपाय सुझाए।

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संतोष के अभाव में लोग ऐसे ही अनिन्द्रा के शिकार हैं। रात में भी शांति नहीं मिलेगी तो मानसिक संतुलन बनाए रखना कठिन होगा।

गुलनाज परवीन

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हर कोई व्यस्त है। दूसरों को पीछे छोड़ आगे बढ़ने की होड़ मची है। ऐसे में शांति नहीं मिलेगी तो पढ़ने में एकाग्रता कैसे आएगी।

नुरुस्सबा

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किसी के घर जश्न होता है तो किसी के घर मातम भी रहता है। हर बात का ध्यान रखा जाना चाहिए।

पल्लवी मिश्रा

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स्कूल में खिड़कियां बंद कर शिक्षक पढ़ाते हैं। सड़क से जितना वाहन गुजरता है फिजूल में हार्न बजाता है।

रजनी कुमारी

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तेज आवाज में बाजा भी हम ही बजाते हैं। जानते हुए कि यातायात बाधित है, अनावश्यक रूप से हॉर्न भी हम बजाते हैं। दोष दूसरों पर थोपते हैं।

शमा आफरीन

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जागरुकता के अभाव में ध्वनि प्रदूषण हो रहा है। अभियान चलाकर इसको रोकना चाहिए।

नगमा खातून

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प्रदूषण कोई हो, समाज को प्रभावित करता है। जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण के विरुद्ध नई पीढी को आगे आना होगा।

काजल कुमारी

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नागरिकों और प्रशासन को इस मुद्दे पर सोचना पडे़गा। कानून के बल पर ध्वनि प्रदूषण नहीं रोका जा सकता।

रोहित कुमार

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हर आदमी प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करता है, लेकिन जब उसकी बारी आती है तो पीछे हट जाता है।

रमेश कुमार

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रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर बजाने पर हर हाल में रोक होनी चाहिए। चाहे उत्सव पारिवारिक हो या धार्मिक।

अमित कुमार

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धर्म पर्यावरण की रक्षा सिखाता है। इसमें प्रदूषण फैलाने की गुंजाइश नहीं है। हम गलत व्याख्या करते हैं।

भारत कुमार

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वाहनों में हॉर्न की तीव्रता पर भी रोक लगनी चाहिए।

राहुल राजा

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महानगरों की भांति यहां भी आवासीय क्षेत्र को नो हॉर्न जोन घोषित किया जाए।

चन्दन कुमार

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रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर नहीं बजाएंगे तो घाटा नहीं हो जाएगा।

विशाल राय

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वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए कोई बाहर से नहीं आएगा।

संतोष झा

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हम जागेंगे, समाज जागेगा। प्रशासन को भी सहयोग करना होगा।

रश्मि कुमारी


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