दिखा मां श्यामा का दिगंबरा रूप
15 डीआरजी 12 व 13
- श्यामा नामधुन संकीर्तन का हुआ समापन
- साल में एक बार होती ऐसी आराधना
जागरण संवाददाता, दरभंगा : राज परिसर स्थित भगवती मां श्यामा के भक्तों को मंगलवार को मैया के दिगंबरा स्वरूप का दर्शन करने का मौका मिला। ऐसा अवसर साल में सिर्फ एक बार जूड़शीतल यानी मेष संक्रांति को ही आता है। परंपरा के अनुसार जूड़शीतल पर भगवती को गंगाजल से स्नान कराया गया। प्रधान पुजारी प्रेमानंद झा ने ज्यों ही माता के विवसना यानी वस्त्र विहीन दिगंबरा स्वरूप में पूजा-अर्चना शुरू की तो भारी संख्या में मौजूद भक्त नर-नारी मां का दर्शन कर उनसे कल्याण का आशीर्वाद मांगा। मैया के साथ मंदिर में अवस्थित काल भैरव, बटुक भैरव, गणेश व भगवान शंकर को स्नान कराया गया। इस अवसर पर श्यामा मंदिर परिसर में सोमवार से शुरू अखंड नामधुन संकीर्तन का समापन भी मंगलवार को हो गया। श्यामा मंदिर के प्रबंधक चौधरी हेमचंद्र राय ने बताया कि प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी मैया की विधिवत पूजा-अर्चना के बाद से पूरे दिन भक्त मां के विवसना स्वरूप का दर्शन किया। वहीं पारस पंकज के नेतृत्व में भजन कार्यक्रम में भगवती की स्तुति पर आधारित भक्ति गीतों की प्रस्तुति पर भक्त झूमते रहे।