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अंबेदकर का व्यक्तित्व विराट था

By Edited By: Published: Tue, 15 Apr 2014 03:53 AM (IST)Updated: Mon, 14 Apr 2014 08:27 PM (IST)
अंबेदकर का व्यक्तित्व विराट था

दरभंगा, संस : बाबा साहेब भीम राव अंबेदकर का व्यक्तित्व विराट था। युवाओं को इनके व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर समाज को आगे बढ़ाने का संकल्प लेना चाहिए। उनके विचार पर चलने से समाज की कई समस्याओं का समाधान संभव है। ये बातें लनामिविवि की ओर से जुबलीहॉल में अंबदेकर जयंती पर सोमवार को आयोजित गोष्ठी में बीएचयू के प्रो.एमपी अहिखार ने कही। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब का मुख्य उद्देश्य बगैर किसी को हानि पहुंचाए शोषित पीड़ित व वंचित समाज का उत्थान करना था। अध्यक्षीय संबोधन में वीसी डॉ.साकेत कुशवाहा ने कहा कि बाबा साहेब राजनेता ही नहीं बल्कि समाज सुधारक व क्राति के अग्रदूत, महान चिंतक व विचारक थे। प्रोवीसी डॉ. एस मुमताजुदीन ने कहा कि कठिन परिस्थिति में अंबेदकर ने आगे बढ़कर देश व समाज के लिए जो काम किया उससे हमें शिक्षा लेनी चाहिए। मौके पर विधानपार्षद डॉ.दिलीप कुमार चौधरी, डॉ.कामेश्वर झा, प्रो.अमरेश प्रसाद, डॉ.केके सुमन, डॉ.सत्य नारायण पासवान, डॉ.बनारसी यादव, गंगा प्रसाद झा, मिथिलेश पासवान, डॉ.टीएन झा, डॉ.आरएन चौरसिया आदि ने विचार रखे। स्वागत भाषण कुलसचिव डॉ.विजय प्रसाद सिंह, संचालन डॉ.अजित कुमार चौधरी व धन्यवाद ज्ञापन प्रोक्टर दयानिधि प्रसाद राय ने किया। इससे पूर्व मुख्य अतिथि सहित अन्य व्यक्तियों ने विवि स्थित बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किये। प्रो.अहिखार ने मौके पर दूरस्थ शिक्षा स्थित गाधी संग्रहालय व कामेश्वर सिंह पुस्तकालय का भी अवलोकन किया। उधर, कासिंदसंविवि में कुलपति डॉ.देवनारायण झा की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में बाबा साहेब के चलचित्र पर माल्यार्पण किया गया। जानकारी पीआरओ निशिकात प्रसाद सिंह ने दी।


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