सबको दी जमीन, खुद ठिकाने की तलाश
सुध ही नहीं :
13 डीआरजी 34
-डेंजर जोन में काट रहे जिंदगी
कुशेश्वरस्थान, संस : हर चुनाव से पहले हरौली पंचायत में 80 वर्षो से बसे दर्जनों परिवार वासभूमि व ठिकाने की बाट जोह रहे हैं। हर चुनाव में वोट मांगने के लिए आने वाले भरोसा देते रहे और ये भी विश्वास कर उन्हें राजनीतिक जमीन दी। इसके बाद फिर ये ठिकाने की तलाश करते रहे। हरौली पंचायत के सहोरबाघाट स्थित बुचौली डाक बंगला परिसर में अवस्थित इनर देवी, कृष्णकुमार राम, मनोज कुमार राम व प्रमोद कुमार राम महादलित परिवार को अब तक ठिकाना नहीं मिला है। इन परिवारों के पास अभी तक एक इंच भूमि नहीं है। बीपीएल श्रेणी के ये लोग इंदिरा आवास की सुविधा से आज तक वंचित हैं। आवासीय भूमि खरीद कर घर बना लेना इनके बूते की बात नहीं है। फिलहाल सहोरबाघाट विद्युत उपकेन्द्र के प्रतिबंधित क्षेत्र में पुस्तैनी आवास में रहने को विवश है। बताया जाता है कि लगभग 100 वर्ष पूर्व अंग्रेजों के ठहराव के लिए बने डाकबंगला की साफ सफाई और अंग्रेजों की खातिरदारी के लिए इनके पूर्वज सुखदेव राम को डाक बंगला में झोपड़ी बनाकर बसाया गया था। तबसे आज तक डाकबंगला में आने वाले सरकारी गैर सरकारी मुलाजिमों की सेवा कर रहे इस परिवार की माली हालत पर किसी की निगाहें नहीं पड़ी। अंग्रेजों के जमाने से अबतक इस परिवार की हालत जस की तस बनी हुई है। परिवार के लोगों ने बताया कि यहां विद्युत उपकेंद्र के बन जाने से यह क्षेत्र डेंजर जोन बन गया है। यहां रहना अब खतरे से खाली नहीं है।