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दिन में भी जलता है किला का हाईमास्ट

बक्सर। एक तरफ विद्युत की समस्या से सभी त्रस्त हैं। बल्कि, इसके अभाव में वोल्टेज कम तो कभी विभाग द्वा

By Edited By: Published: Fri, 01 Jul 2016 03:02 AM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2016 03:02 AM (IST)
दिन में भी जलता है किला का हाईमास्ट

बक्सर। एक तरफ विद्युत की समस्या से सभी त्रस्त हैं। बल्कि, इसके अभाव में वोल्टेज कम तो कभी विभाग द्वारा लोड-शे¨डग देकर उपभोक्ताओं को बिजली मुहैया कराई जा रही है। दूसरी तरफ किला मैदान में लगा हाईमास्ट लाइट सारे दिन जलते रहता है।

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यदि देखें तो लाखों रुपये खर्च कर प्रशासन द्वारा प्रमुख शहर में ही कुल चार हाईमास्ट विभिन्न स्थानों पर लगाये गए। जिनमें पूर्व के लगे दो हाईमास्ट लाइट में से एक ध्वस्त भी हो चुका है। जबकि, समय-समय पर मीडिया कर्मियों ने इसकी वस्तुगत स्थिति से प्रशासन को अवगत भी कराते रहा था। बावजूद इसके अधिकारियों की लापरवाही ने उसे गिरकर चकनाचूर होने दिया। आज स्थिति यह है कि इसके अलावा दो अन्य रामरेखाघाट व किला मैदान पर हाईमास्ट लाइट खड़े कर दिये गये हैं। लेकिन, किला स्थित लगा हाईमास्ट लाइट आज भी अधिकारियों की बेपरवाही का नमूना बने हुए है। पिछले एक सप्ताह से इसे चिलचिलाती धूप में भी सारे दिन जलते देखा जा रहा है। इस बाबत नगर के अभिनव पांडेय, रजनीकांत पांडेय, गुप्तेश्वर प्रजापति आदि ने बताया कि रात जले न जले। परंतु, पिछले सात दिनों से इसे सारे दिन जलते जरूर देखा जा रहा है। लोगों का कहना है कि निरर्थक ढंग से इस तरह क्षय हो रही इस ऊर्जा की भरपाई कौन करेगा? जबकि, इसके इर्द-गिर्द ही कई आला अधिकारियों के निवास भी मौजूद हैं। एक तरफ लो-वोल्टेज व कम मिल रही बिजली से सभी परेशान हैं। बावजूद इसके किसी द्वारा इसका पहल नहीं किया जाना सोचनीय विषय बना हुआ है। कुछ लोगों ने इसे नगर परिषद की जवाबदेही बतायी है।


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