'रिजल्ट फोबिया' से ग्रस्त हुए बच्चे
बक्सर । मैं पास हो गया.मैं पास हो गया.सपने में बड़बड़ाता नवीन की जब अचानक रात में नींद खुली
बक्सर । मैं पास हो गया.मैं पास हो गया.सपने में बड़बड़ाता नवीन की जब अचानक रात में नींद खुली और उसने खुद को बिस्तर पर पाया तो वह रिजल्ट की सोच में डूब गया। इसके बाद उसी फिक्र में बाकी की पूरी रात उसने काट दी। बिहार बोर्ड के अंतर्गत इंटर साइंस और कामर्स का रिजल्ट आ जाने के बाद अब इंटर आर्टस और मैट्रिक के परीक्षार्थियों की बेचैनी बढ़ गयी है। दूसरे शब्दों में कहें तो बच्चे'रिजल्ट फोबिया'से ग्रस्त हो गये हैं।
नवीन ने इस बार बिहार बोर्ड से दसवीं की परीक्षा दी है। वह हर रोज अखबार पर एक नजर उस खबर के लिए जरूर दौड़ाता है कि उसका रिजल्ट कब आ रहा है। असल में, रिजल्ट को लेकर उसकी ¨चता बढ़ गयी है। नतीजा है कि वह सपने में भी रिजल्ट देख रहा है और उसकी नींद गायब हो जा रही है। इस तरह की घटना केवल नवीन के साथ नहीं हो रही है। ऐसी परिस्थिति का सामना अन्य बच्चों को भी करना पड़ रहा है। सीमा ने बताया कि कुछ इसी तरह का सपना उसने भी सीबीएसई रिजल्ट आने से पहले देखा था। फिलहाल, इंटर आर्टस व मैट्रिक के परीक्षार्थी रिजल्ट फोबिया से ग्रस्त हो गये हैं। दूसरी तरफ इंटर के दो संकाय का रिजल्ट आ भी गया है। ऐसे में अन्य बच्चों में भी अपना रिजल्ट जानने की उत्सुकता बढ़ गयी है। सबसे बड़ी बात कि इस बार की परीक्षा भी कड़ी व्यवस्था में ली गयी थी। ऐसे में रिजल्ट को लेकर छात्रों की धड़कन बढऩा लाजिमी है। इधर, तिथि में भी लगातार बदलाव हो रहा है। लिहाजा, बच्चों की ¨चता और बढ़ रही है।