रामजी की पत्नी ने सुलहनामे को बताया गलत
स्थानीय व्यवहार न्यायालय के फास्ट ट्रैक कोर्ट में गुरुवार को रामजी ¨सह मामले में सुलहन।
बक्सर। स्थानीय व्यवहार न्यायालय के फास्ट ट्रैक कोर्ट में गुरुवार को रामजी ¨सह मामले में सुलहनामे पर गवाही होने वाली थी। लेकिन, वादी रामजी यादव न्यायालय पहुंच ही नहीं पाए। इस बीच रामजी ¨सह की पत्नी दमयंती देवी ने सुलहनामे को पूरी तरह से गलत बताते हुए कहा कि उनके पति ने कोर्ट मे कोई सुलहनामा नहीं दिया है और साजिश के तहत इसकी अफवाह फैलाई जा रही है।
बताते चलें कि डुमरांव के विधायक ददन यादव पर रामजी ने जानलेवा हमले का आरोप लगाया था। मामला वर्ष 2004 का है, जब चुनाव के दिन कथित रूप से विधायक के समर्थकों और रामजी ¨सह के बीच झड़प हुई थी। जिसमें रामजी ¨सह घायल हो गए थे। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मामले की निचली अदालत में सुनवाई शुरू हुई थी। पिछले दिनों अचानक रामजी ¨सह ने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में सुलहनामा दाखिल कर सभी को चौंका दिया था। इस संबंध में अधिवक्ता शशिकान्त उपाध्याय उर्फ सरोज उपाध्याय ने बताया कि किसी वजह से कोर्ट में गवाही टल गई। लेकिन, न्यायाधीश ने त्वरित कार्रवाई के तहत मामले के निपटारा के लिए सुनवाई के लिए 21 जुलाई की तारीख निर्धारित की गई है। हालांकि, अब वादी की पत्नी द्वारा सुलहनामे पर ही सवाल उठाए जाने से पूरा मामला उलझ गया है। दूसरी ओर जिस रामजी ¨सह के द्वारा सुलहनामा दायर किए जाने की बात कही जा रही है, वे खुद किशनगंज में एक दुष्कर्म के प्रयास के मामले में आरोपी हैं और फरार हैं।