घर में शादी, बैंक में भटक रहे बाबुल
बक्सर। केन्द्र सरकार द्वारा किए गए नोटबंदी के बाद आम से लेकर खास तक को आर्थिक परेशानियों
बक्सर। केन्द्र सरकार द्वारा किए गए नोटबंदी के बाद आम से लेकर खास तक को आर्थिक परेशानियों से हर दिन जूझना नियति बन गई है। घरों के आम घरेलू खर्च तो किसी तरह निपट जा रहे हैं। लेकिन, लगन का समय होने से बेटी के हाथ पीले करने की बाबुल की हसरतों पर बैंकों की मनमानी भारी पड़ रही है। एक तरफ सरकार ने घोषणा की है कि शादी वाले परिवार को प्रमाण पत्र दिखाने के बाद ढाई लाख रुपये एकमुश्त बैंक देगा। लेकिन, अधिकांश जगहों पर यह घोषणा महज छलावा बनकर रह गया है।
ढाई लाख के जगह पर ढाई हजार देकर बैंक प्रबंधक अपने कर्तव्य का इतिश्री कर ले रहे हैं। इस तरह के कई उदाहरण हैं। जिसमें बैंक में राशि रहने के बावजूद भी दूसरे से कर्ज या खेत गिरवी रखकर बाबुल बेटी की शादी किसी तरह मजबूरी में कर रहे हैं। नैनीजोर गांव के सुरेश तिवारी के ग्रामीण बैंक की शाखा में 12 लाख रुपये पड़े हैं। इनकी लड़की सुनिता की शादी 12 तारीख को तय है। लेकिन, स्थिति यह है कि वे तिलक की रस्म व दरवाजे पर आने वाली बरात का स्वागत कैसे करें, यह उन्हें समझ नहीं आ रहा है। इन्होंने बताया कि सरकार की घोषणा के बाद शादी कार्ड सहित अन्य प्रमाण पत्र लेकर बैंक प्रबंधक से मिला। लेकिन, वे किसी भी कीमत पर रुपये देने को तैयार नहीं हैं। जिससे बेटी की शादी को लेकर विकट समस्या खड़ी हो गई है। पंद्रह-बीस दिनों से ब्रांच मैनेजर रुपये देने का आश्वासन दे रहे थे। लेकिन, इधर उन्होंने रुपये देने से साफ इनकार कर दिया। इस बाबत ब्रांच मैनेजर सुरेश प्रसाद ¨सह से संपर्क किया गया तो उनका कहना है कि हमारे पास बहुत कम राशि आ रही है। इसके लिए कई बार अपने वरीय पदाधिकारियों के पास भी गुहार लगाई है। बावजूद, राशि निकासी में बढ़ोतरी नहीं हो पा रही है। उन्हें दूसरे बैंक में राशि ट्रांसफर करने का प्रस्ताव दिया गया है। समाजसेवी सह पूर्व मुखिया प्रत्याशी गौरीशंकर तिवारी ने जिला प्रशासन से पहल कर लाचार बाबुल की सहायता करने की मांग की है।