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सदमे में डूबा परिवार गया गांव

बक्सर। टाउन थाने चौक के समीप शुक्रवार की अहले सुबह दस वर्षीय प्रियंक व उसके छोटे भाई आ

By Edited By: Published: Sat, 10 Oct 2015 05:39 PM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2015 05:39 PM (IST)
सदमे में डूबा परिवार गया गांव

बक्सर। टाउन थाने चौक के समीप शुक्रवार की अहले सुबह दस वर्षीय प्रियंक व उसके छोटे भाई आठ वर्षीय पुष्कर की मौत का गम शनिवार को भी शहर में साफ दिखा। लोग दुर्घटना के कारणों की अपने-अपने तरीके से पड़ताल करते रहे और पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते रहे। इधर, दोनों बच्चों की मौत के बाद सोमेश्वर स्थान मोहल्ला का हर बा¨शदा गम में डूबा दिखा। मोहल्ले के लोगों को बच्चों के शव का क्रियाकर्म से लेकर पीड़ित परिवार को उनके गांव चौसा के सोनपा भेजने में भी पूरी मदद की।

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बताते चलें कि शुक्रवार की सुबह घर से स्कूल जा रहे केंद्रीय विद्यालय के दो छात्रों की ट्रक से कुचलकर मौत हो गयी थी। दोनों भाई थे और अपनी माता-पिता के दो ही दुलारे थे। सोमेश्वर स्थान मोहल्ले में ही पीड़ित परिवार अपने दोनों बच्चों को पढ़ाने के लिये रह रहा था। मोहल्ले के योगेश राय ने बताया कि बच्चों के पिता पंकज कुमार राय सीमा सुरक्षा बल में कार्यरत हैं। वे अपनी बटालियन के साथ बिहार में चुनाव को ले आये हुए हैं और अभी जमुई में तैनात थे। उन्हें दुर्घटना में बच्चों के मौत की खबर नहीं दी गयी थी, बल्कि कुछ और बता जल्द यहां बुलाया गया था। उनके आने से पहले काफी गमगीन माहौल में मोहल्ले वालों व परिजनों के सहयोग से बच्चों का क्रियाकर्म कर परिवार को उनके गांव सोनपा भेज दिया गया। रात लगभग आठ बजे बच्चों के पिता जब घर पहुंचे तो यहां का माहौल देख उन्हें अनहोनी का अहसास हो गया और वे फफक पड़े। मोहल्ले के लोगों ने उन्हें संभाला और गाड़ी से उन्हें गांव भेजा गया। घटना इतनी बड़ी और मार्मिक थी कि मोहल्ले के किसी घर में न तो रात का खाना बना और न ही कोई रातभर सो पाया। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि बार-बार उन बच्चों का चेहरा उनके सामने आ रहा था, जो रोजाना स्कूल से आने के बाद खेलने-कूदने उनके घरों में आ जाते थे।

ईंसर्ट..,मां सीख रही थी स्कूटी

बक्सर : मां को पता था कि अपने बच्चों को सुरक्षित स्कूल पहुंचाने के लिये उससे बढि़या सारथी दूसरा नहीं हो सकता। इसी वजह से मां बिक्की राय स्कूटी सीख रही थी, जिससे रोजाना अपने दोनों दुलारों को सोमेश्वर स्थान से केंद्रीय विद्यालय स्कूल छोड़ने जा सके। लेकिन, जबतक वह पूरी तरह से गाड़ी चलाना सीख पाती, उससे पहले ही नियति ने मां से उसके दोनों दुलारों को छीन लिया।

सोमेश्वर स्थान के लोगों ने बताया कि एक माह पूर्व ही पिता मनोज ने बच्चों को स्कूल ले जाने के लिये स्कूटी खरीद कर दी थी। उनकी योजना थी कि मां इसे चलाना सीख लेगी तो बच्चों को स्कूल जाने व आने में सहूलियत होगी। उन्हीं के यहां बच्चों का ममेरा भाई दीपक भी पढ़ने के लिये रहता था और बड़ा होने के नाते यदा-कदा गाड़ी चलाता था। शुक्रवार को वहीं फुफेरे भाइयों को स्कूटी से छोड़ने गया था और यह हादसा हो गया।


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