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गंगा पार से मय का धंधा गुलजार

बक्सर । उत्पाद विभाग डाल-डाल तो शराब के अवैध धंधेबाज पात-पात। हाल में बीते दशहरा से जिले

By Edited By: Published: Sat, 22 Oct 2016 04:43 PM (IST)Updated: Sat, 22 Oct 2016 04:43 PM (IST)
गंगा पार से मय का धंधा गुलजार

बक्सर । उत्पाद विभाग डाल-डाल तो शराब के अवैध धंधेबाज पात-पात। हाल में बीते दशहरा से जिले में अवैध शराब का ऐसा नेटवर्क तैयार हो चुका है कि मय की चाहत घर तक पहुंच रही है। गंगा पार के शराब का डिलीवरी चेन पूरे जिले में बन चुका है। पीने वाले और पिलाने वाले, दोनों एक दूसरे की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखते हुए शराबबंदी कानून का उल्लंघन कर रहे हैं। भनक उत्पाद विभाग को भी है, लेकिन विभाग की सफलता ट्रेनों में चंद बोतलों की बरामदगी तक सीमित है। यहां भी शराब के सौदागर अक्सर विभाग को गच्चा दे जा रहे हैं। जिले में शराब पर प्रतिबंध का असर खासकर, शुरूआती दौर में दो महीने तक ही देखने को मिला। इसके बाद शहर से लेकर गांव तक शराब की तस्करी ने रफ्तार पकड़ ली है। फर्क सिर्फ इतना है कि पहले वाजिब दाम पर मिल जाता था। लेकिन, अब दोगुनी कीमतों पर होम डिलेवरी हो रही है। इस धंधे को बरकरार रखने के लिए धंधेबाज नए-नए तरीके अपना रहे हैं। जिले के सीमावर्ती उतर प्रदेश से लाकर शराब को जिले में ऊंचे दामों पर बेचते हैं। वहीं, प्रशासन को चकमा देने के लिए कारोबारी खासकर, परिचित व्यक्ति के माध्यम से इस धंधे को अंजाम देते हैं। इसके लिए वे लोग अपना नेटवर्क चारों तरफ फैला रखा है। इन्ही के जरिए धंधेबाज शराब की होम डिलेवरी करते हैं। सूत्रों की माने तो जिले में शराब के कई ऐसे भी शौकीन हैं। जो शराब का सेवन करने के लिए प्रतिदिन नाव एवं अन्य वाहनों के सहारे उतर प्रदेश के कोटवा नरायणपुर, भरौली एवं कर्मनाशा के बारा, गहमर, कुतुबपुर आदि जगहों पर जाकर शराब का सेवन करने के उपरांत लौट आते हैं।

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बयान :

शराबबंदी का कानून बहुत सख्त है और इसे तोड़ने वाले आज न कल पकड़े ही जाएंगे। विभाग रोज छापामारी कर रहा है और गिरफ्तारी हो रही है।

मनोज कुमार ¨सह, उत्पाद अधीक्षक, बक्सर।


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