नगर परिषद : त्रिकोणीय हुई ताज की लड़ाई
गत 23 मई को नगर निकाय के चुनावी परिणाम आने के बाद मुख्य पार्षद की कुर्सी को ले अटकले तेज।
बक्सर। गत 23 मई को नगर निकाय के चुनावी परिणाम आने के बाद मुख्य पार्षद की कुर्सी को ले अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। जगह-जगह चर्चा सरेआम हो रही है कि आखिर वह कौन सा नया चेहरा होगा जिसके सिर पर इस बार नप का ताज सजेगा।
34 वार्ड पार्षदों में से कुछ ही चेहरे हैं जो इस पद की दावेदारी में सटीक बैठते दिखते हैं। असल में, बक्सर नगर परिषद में मुख्य पार्षद की कुर्सी पहले से ही आयोग ने अति पिछड़ा अन्य के लिए सुरक्षित किए हुए है। हालांकि, उप मुख्य पार्षद की कुर्सी को इस दायरे से बाहर रखे हुए है। इस कारण आंकड़े जुटाने में उप मुख्य पार्षद की भूमिका को ही अव्वल माना जा रहा है। जो बिचौलिया बन कुर्सी की ताकत को बढ़ा सकता है। इस भूमिका में अब तक इकलौते निर्विरोध निर्वाचित वार्ड-23 के पार्षद इंद्र प्रताप ¨सह का नाम चर्चा में है। हालांकि, सियासत के इस शतरंज की बिसात में पासा पलटते भी देर नहीं लगती। इधर, नप के सूत्रों की माने तो एक तीसरे खेमे ने भी नप की मुख्य कुर्सी पर आंख जमा ली है। गुरुवार की देर रात वार्ड पार्षद ने भोजन की दावत भी सभी जीते प्रत्याशियों के लिए रखी थी। हालांकि, इस दावत में कुल 16 वार्ड पार्षद या उनके परिजन ही पहुंचे सके थे। कार्यक्रम में नप मजदूर यूनियन के एक नेता एवं पूर्व पार्षद भी गोलबंद को पहुंचे हुए थे। जिनके द्वारा गीता देवी को समर्थन दिए जाने पर जोर दिया जा रहा था। झटपट 21 के आंकड़े भी गिना दिए गए। लेकिन, खास बात तो यह थी कि चार-पांच पार्षद ऐसे भी पहुंचे हुए थे जो माया देवी के पक्ष में भी अपनी राय-सुमार दी हुई है। इस बात की चर्चा पूरे दिन लोगों के बीच शुक्रवार को होते रही। यहां बता दें कि, सबसे अधिक मतों से जीतने वाली वार्ड पार्षद तीन की माया देवी का नाम इस कुर्सी के लिए सबसे पहले आया। उसके अगले दिन इसके लिए शशि गुप्ता का भी नाम जोरों से उछला। बताया जाता है कि इसे लेकर परिषदन में एक बैठक भी हुई। इस बीच पार्षदों के बीच प्रलोभन का दौर शुरू है। हालांकि, समर्थन की कीमत का खुलासा अभी नहीं हो रहा है। इधर, मुख्य पार्षद के चुनाव में अभी लगभग दस दिन का समय बचा है। मामला त्रिकोणीय होने के बाद खेल दिलचस्प हो गया है।