यजुर्वेदीय स्वर पाठ से गूंजा देवालय
सोमवार की सुबह देवालय यजुर्वेदीय संहिता के सस्वर पाठ से गूंज उठा।
बक्सर : सोमवार की सुबह देवालय यजुर्वेदीय संहिता के सस्वर पाठ से गूंज उठा। इस दौरान संगीतमय इस भक्ति के रस में श्रद्धालु श्रोता डूबते दिखे। कार्यक्रम पिछले छह दिनों से चरित्रवन स्थित श्रीनाथ आश्रम में चल रहा है। जहां विद्ववत पंडितों द्वारा विधिवत पूजन कार्य किया जा रहा है।
जाहिर हो कि दस दिवसीय अतिरूद्र यज्ञ तथा भगवान श्री चंद्रमौलिश्वर (श्री नर्मदेश्वर) महादेव की प्रतिष्ठा के स्वर्ण जयंती महोत्सव पर निष्ठा एवं उत्साह के साथ कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। जिसमें देश के कोने-कोने से नाथ सम्प्रदाय के महात्माओं का आगमन हो रहा है। जिनमें हिमालय पर तपस्या करने वाले योगी सुंदरनाथ जी, हरिद्वार के योगी हनुमान नाथ जी, त्रयंबकेश्वर (नासिक) से बलबीर नाथ जी का आगमन हो चुका है। इधर, यजुर्वेदीय पाठ के उपरांत आवाहित देवताओं का पूजन प्रारंभ हुआ। जिनमें देवताओं, चौसठ योगनियों एवं नवग्रहों इसके पश्चात अतिरूद्र भगवान का पूजन कर हवन यज्ञ प्रारंभ किया गया। मौके पर महामंडलेश्वर योगी शीलनाथ जी महाराज ने कहा कि यज्ञ से व्यक्ति एवं राष्ट्र के जीवन में आंतरिक संतुलन का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से व्यक्ति के भीतर प्राण, अपान, व्यान, चित्त, वाणी, नेत्र, कान सहित मन में शुभ वृत्तियों का उदय हो ऐसी प्रार्थना मंत्रों में की गई है। वहीं, उपस्थित भक्त यज्ञ मंडप की परिक्रमा दे रहे थे। उनका यह आस्था एवं भाव देखते ही बन रहा था। दूसरी ओर दस दिवसीय'ऊॅं नम: शिवाय'षडक्षर मंत्र की संगीतमय अखंड कीर्तन जारी था। इधर, संध्या कथा मंडप में आचार्य गोपाल कृष्ण सत्यम द्वारा श्रीकृष्णलीला का भावपूर्ण चित्रण प्रस्तुत करने का कार्यक्रम जारी था। जिससे सुनने को लेकर काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हुए थे।