डुमरांव में स्टेडियम निर्माण का सपना अधूरा
बक्सर। साल दर साल की तरह वर्ष 2015 भी गुजर गया। लेकिन, अनुमंडल के खेल प्रेमियों व युवा प्रतिभाओ
बक्सर। साल दर साल की तरह वर्ष 2015 भी गुजर गया। लेकिन, अनुमंडल के खेल प्रेमियों व युवा प्रतिभाओं को इस वर्ष भी स्टेडियम का सपना साकार नहीं हो सका। आलम यह है कि वर्तमान समय में खेल मैदान चारागाह में परिवर्तित हो चुका है। वहीं, मैदान के अभाव में खेल प्रतिभाएं घूट-घूट कर जी रही हैं।
पिछले चार-पांच सालों में राज हाई स्कूल में स्टेडियम निर्माण को लेकर कई बार सियारी पारा गरम हो चुका है। हर बार आश्वासनों की घूंट व तकनीकी पेंच को जल्दी सुलझाकर शीघ्र स्टेडियम निर्माण की बात कही गई। लेकिन, पांच वर्षों से स्टेडियम की आस लगाये बैठे खेल प्रेमियों का सपना इस वर्ष भी पूरा नही हो सका। सनद रहे कि अनुमंडल मुख्यालय स्थित राज हाई स्कूल के खेल मैदान में स्टेडियम निर्माण की घोषणा वर्षो पूर्व तत्कालीन कला संस्कृति व खेल मंत्री सुखदा पांडेय ने डुमरांव आगमन के दौरान किया था। इसके बाद स्टेडियम निर्माण के लिये प्राक्कलन बनाने से राशि आने तक की बात भी कही गई।
फाइलों पर खूब हुआ मैदान का खेल
एक दौर ऐसा भी आया जब लगने लगा था कि राज हाई स्कूल के खेल मैदान में स्टेडियम निर्माण का कार्य जल्द शुरु हो जाएगा। लेकिन, ऐनवक्त पर इस मैदान का क्षेत्रफल स्टेडियम निर्माण के लिए छोटा पड़ गया। इसी के साथ हजारों खिलाड़ियों व खेल प्रेमियों का सपना भी टूट गया। जमीन कम होने से करीब एक साल तक स्टेडियम निर्माण पर चुप्पी रही। पुन: एक बार चहुंओर उठी मांग के बाद प्रशासन द्वारा कम पड़ रहे जमीन की व्यवस्था कर स्टेडियम निर्माण कराने की बात कही गई। लेकिन, इस बार भी निर्माण शुरू नहीं हो सका। स्टेडियम का निर्माण नहीं होने से खेल प्रेमियों में छायी उदासी पर पूर्व में विश्वास यात्रा के दौरान निकले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुस्कान बिखेरते हुए राज हाई स्कूल के मैदान में ही स्टेडियम निर्माण की घोषणा की थी। लेकिन, मुख्यमंत्री के घोषणा का भी कोई असर इस खेल मैदान पर नहीं पड़ा।
धौनी भी मैदान में आजमा चुके हैं हाथ
इस खेल मैदान में नगर सहित आस-पास के गांवों के सैकड़ों युवा खेल व व्यायाम का अभ्यास करते हैं। लेकिन, संसाधनों की कमी से उनकी प्रतिभा निखरने से पहले ही दम तोड़ देती है। गौरतलब है राज हाई स्कूल के खेल मैदान में भारतीय वनडे व टी-20 टीम के कप्तान महेन्द्र ¨सह धौनी व मनोज तिवारी जैसे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हाथ आजमा चुके हैं। बावजूद, सरकारी व प्रशासनिक स्तर पर उदासीनता से मैदान का अस्तित्व तेजी से खराब हो रहा है। खेल प्रेमी रामजी प्रसाद व समाजसेवी अमर कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिख एक बार फिर इस प्रस्तावित खेल मैदान के सपनों को ¨जदा करने का प्रयास किया है।