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बिना ड्राइवर ट्रैक पर दौड़ेगी ट्रेन, बिहार के छात्र ने बनाया मॉडल, जानिए...

बगैर ड्राइवर के ही कंप्यूटर के इशारे पर ट्रैक पर ट्रेन दौडऩे लगे तो कैसा रहे? यह कपोल-कल्पना नहीं है। बिहार के एक इंजीनियरिंग छात्र ने स्वचालित ट्रेन का मॉडल तैयार किया है, जो बिना ड्राइवर के कंप्यूटर के इशारे पर चलेगी।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 06 May 2016 09:22 AM (IST)Updated: Fri, 06 May 2016 10:39 PM (IST)
बिना ड्राइवर ट्रैक पर दौड़ेगी ट्रेन, बिहार के छात्र ने बनाया मॉडल, जानिए...

बक्सर [राजेश तिवारी]। बगैर ड्राइवर के ही कंप्यूटर के इशारे पर ट्रैक पर ट्रेन दौडऩे लगे तो कैसा रहे? यह कपोल-कल्पना नहीं है। बिहार के एक इंजीनियरिंग छात्र ने स्वचालित ट्रेन का मॉडल तैयार किया है, जो बिना ड्राइवर के कंप्यूटर के इशारे पर चलेगी। सबसे बड़ी बात कि प्रधानमंत्री के 'मेक इन इंडिया' में इस मॉडल का चयन कर लिया गया है।

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बक्सर जिले के चौसा प्रखंड अंतर्गत बनारपुर निवासी योगेन्द्र तिवारी का पुत्र दीपक कुमार तिवारी ने यह आविष्कार किया है। बगैर ड्राइवर के चलने वाली ट्रेन न केवल समय से चलेगी, बल्कि यात्रियों को समय से स्टेशन पर उतारेगी भी।

हिन्दुस्तान इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी, आगरा में बी-टेक कर रहे छात्र ने कंप्यूटर प्रोग्राङ्क्षमग और हार्डवेयर को जोड़कर यह माडल तैयार किया है। इसमेें ट्रेन को ऑटो पायलट मोड पर चलाया जा सकता है। इस तकनीक से मानवीय गलतियों से होने वाले हादसों में भी कमी आएगी।

ऐसे काम करेगा सिस्टम

दीपक ने बताया कि यह प्रोग्राम एम्बेडेड सिस्टम पर आधारित है। इसमें ट्रेन को एक विशेष रूट पर दौड़ाने के लिए कंप्यूटर प्रोग्राङ्क्षमग की जाएगी। ट्रेन को शुरू होने वाले स्टेशन से कंट्रोल रूम से स्टार्ट किया जाएगा। इसके बाद ट्रेन उस रूट पर आने वाले सभी स्टेशनों को सर्च करेगी।

इस तरह ट्रेन अपने निर्धारित समय में रूट पर आने वाले सभी स्टेशनों पर समय पर पहुंचेगी। यही नहीं, स्टेशन पर रुकने से पहले यात्रियों को आगाह किया जाएगा। इसके पश्चात ट्रेन खुद-ब-खुद स्टेशन पर रुक जाएगी। इसमें दरवाजे खुलने और बंद होने का समय भी सिस्टम में होगा।

'यूरेका' से मिला 'मेक इन इंडिया' में मौका

बक्सर के सिकरौल हाईस्कूल से 10वीं तक की पढ़ाई पूरी करने वाले दीपक ने बताया कि कालेज स्तर पर हुए 'यूरेका' प्रोग्राम में उसने अपना मॉडल दिखाया था। उसमें मौजूद लोगों ने उसे रिसर्च पेपर 'मेक इन इंडिया' में भेजने की सलाह दी। इसके बाद कालेज स्तर से 'मेक इन इंडिया' के लिए उसे अग्रसारित किया गया और वहां से इसका सकारात्मक जवाब आया। अब जब वहां से मॉडल को प्रदर्शित करने के लिए कहा जाएगा तब उसे प्रदर्शित किया जाएगा।

'ताजनगर में मेट्रो ट्रेन चलाए जाने की हलचल के बीच बिना ड्राइवर के ट्रेन को दौड़ाने का आइडिया आया। फिर, ऐसे सिस्टम पर काम करना प्रारंभ कर दिया। कंप्यूटर प्रोग्राङ्क्षमग और हार्डवेयर के कंबाइंड प्रयोग से यह संभव है। इसमें जीपीएस की अहम भूमिका होती है।

- दीपक कुमार तिवारी (इंजीनियरिंग छात्र)

'कॉलेज स्तर से इस मॉडल को मेक इन इंडिया में भेजा गया था और वहां इसका चयन हो गया है। कॉलेज को मेल के माध्यम से इसकी जानकारी दी गई है।

- एसके द्विवेदी (एचओडी)

इलेक्ट्रानिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग, हिन्दुस्तान इंस्टीटयूट आफ टेक्नोलॉजी, आगरा)


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