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परिचर्चा में शिव के गुरु रूप का वर्णन

बक्सर। प्रखंड क्षेत्र के एनएच-30 स्थित सोनवर्षा में शिव शिष्य परिवार सोनवर्षा द्वारा विशद शिव गुरु प

By Edited By: Published: Tue, 24 Nov 2015 05:49 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2015 05:49 PM (IST)
परिचर्चा में शिव के गुरु रूप का वर्णन

बक्सर। प्रखंड क्षेत्र के एनएच-30 स्थित सोनवर्षा में शिव शिष्य परिवार सोनवर्षा द्वारा विशद शिव गुरु परिचर्चा का आयोजन मंगलवार को किया गया। आयोजित परिचर्चा में भगवान शिव के गुरु स्वरुप का वर्णन करते भगवान शिव को गुरु बनाने के तीन विधाओं दया मांगना, चर्चा करना एवं अपने गुरु शिव को नम: शिवाय से प्रणाम करने की बात समझाया गया।

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वक्ताओं ने कहा की भगवान शिव का गुरु स्वरुप लौकिक पारलौकिक दोनों सुखों को प्रदान करता है और व्यक्ति को आध्यात्मिक पराकाष्ठा की ओर ले जाता है। परिचर्चा में वक्ताओं ने 06 दिसम्बर दिन रविवार को बक्सर आईटीआई के मैदान में भारी से भारी संख्या में लोगों को चलने की बात कहते कहा कि 06 दिसंबर 2015 आईटीआई के मैदान में शिव गुरु महोत्सव का आयोजन किया गया है। जिसे महोत्सव में इस कालखंड के प्रथम शिव शिष्य वरेण्य गुरुभ्राता श्री हरीन्द्रानन्द जी एवं दीदी नीलम आनन्द की सुपुत्री अनुनीता लवली जी पधार रही हैं। परिचर्चा को रामविलास ¨सह, सतीश कुमार, मंगल ¨सह, संतोष कुमार इत्यादि ने संबोधित किया।


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