बिन पानी कैसे कटे ¨जदगानी, समस्या गहरायी
बक्सर । अप्रैल माह से ही भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है। मई शुरू होने के बाद भी सूर्य की तपिश जारी है
बक्सर । अप्रैल माह से ही भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है। मई शुरू होने के बाद भी सूर्य की तपिश जारी है। लोगो के हलक सूख रहे है। वहीं, छोटी बड़ी नदिया सूखने लगी है। भूजल भी अपने सतह से हट कर पाताल चला गया है। इधर, लोक स्वास्थ्य अभियंतरण विभाग लोगो की प्यास बुझाने में विफल साबित हो रहा है।
ग्रामीण इलाको में पेयजल की समस्या लोगों के लिए संकट बन गया है। तो वही पशु-पक्षी भी पानी के लिए भटक रहे है। क्योंकि कई नदिया सूखने लगी है। वही आहार तालाब व नहरों में पानी ही नहीं है। ऐसे में बिन पानी लोगो की ¨जदगानी कैसे कटेगी। इस विषय पर विभाग भी कुछ सोच न रहा है। जिससे दूर गांव पानी के लिए गुजरात व राजस्थान बनता दिखाई पद रहा है। यहाँ बता दे की प्रखंड के कई हिस्सों में लोगो की प्यास बुझाने का संसाधन कुआं व हैण्ड पम्प सहारा बना हुआ है। लेकिन जलस्तर निचे खिसकने से जहाँ कुए सुख गए है। तो वही क्षेत्र में विभाग के तरफ से लगे आधे से अधिक हैण्डपम्प मरम्मत के अभाव में बेकार पड़ गए है। जगह-जगह लगे हैण्डपम्प लोगो की प्यास बुझाने के बजाय महज दिखाने की वस्तु प्रतीत हो रही है।
खड़गपुरा गांव के सिराजुद्दीन अंसारी का कहना है कि इस पंचायत के स्थानीय गांव में लोगो की प्यास बुझाने के गांव के कुए व हैण्ड पम्प ही सहारा है। आज कुएं सूख गए है। पहले के लगे सरकारी हैण्डपम्प वर्षो से खराब पड़ गए है। विभाग इसकी मरम्मत नहीं कराता। किसी तरह अगल बगल के घरों में लगे हैण्ड पम्प ही लोगो को इस भीषण गर्मी में सहारा बना हुआ है। अगल बगल गांव में भी ये समस्या जटिल बनी हुई है। लेकिन मरम्मत के अभाव में बेकार पड़े है।
सिकरौल पंचायत के कठतर गांव निवासी जो¨गद्र ¨सह का कहना है की एक तो जलस्तर नीचे खिसक गया है। वहीं, कई सरकारी हैण्डपम्प मरम्मत के अभाव में बेकार पड़े हुए हैं। कुओं की स्थिति बाद से बदतर हो गयी है। अगल-बगल गांव के डेरो पर जहां कई बस्ती लोग रहते है। जहाँ बस्ती के लोग दूर तलक जा ¨सचाई के लगे निजी बो¨रगो से पानी भर लाना पड़ता है। जिससे खाना बनाने से लेकर पेयजल पूर्ति का काम पूरा किया जाता है। सबसे बड़ी फजीहत गरीब गुरुबो को होती है। गरीबो के बच्चे गांव से दूर जाकर छोटे बर्तनों पानी लाया जाता है।