गंगा के उफान में डूबा निमार्णाधीन पंप हाउस
बक्सर। गंगा का जलस्तर इस समय तेजी बढ़ता जा रहा है। वहीं, गंगा पंप कैनाल पर पंप हाउस का निर्माण किया
बक्सर। गंगा का जलस्तर इस समय तेजी बढ़ता जा रहा है। वहीं, गंगा पंप कैनाल पर पंप हाउस का निर्माण किया जा रहा था। लेकिन, पंप हाउस के निर्माण के लिए बनाये गये गडढे में गंगा का पानी भर जाने से निर्माण कार्य ठप कर दिया गया। ऐसे में कंपनी के लिए निर्माण के लिए दिये गये समय की वैधता पर असर पड़ रहा है। पंप हाउस का निर्माण कर रहे कंपनी के कामगारों ने बताया कि गडढे में गंगा का पानी भर जाने से कम से कम दो से तीन माह के लिए निर्माण बाधा पहुंचने की उम्मीद जतायी जा रही है। गौरतलब हो कि पंप कैनाल से पंप हाउस के बगैर जटिल बनी ¨सचाई की समस्या के निदान के लिए सरकार द्वारा पंप हाउस का निर्माण कराया जा रहा था। लगभग 48 करोड़ की लागत से बन रहे पंप हाउस के निर्माण के लिए दो वर्ष की समय सीमा निर्धारित की गयी थी। इसी वर्ष से इसका निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था। कंपनी के कामगारों ने बताया के पंप हाउस के निर्माण के लिए लगभग 51 फीट गहरा कुआं खोदा गया था। जिसमें 21 फीट सरिया व कंक्रीट से गडढे में निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया था। अभी गडढे में 30 फीट कार्य करने के बाद ऊपरी सतह पर कार्य किया जाना था। हालांकि, कार्य पूरे जोश-खरोश से चल रहा था। लेकिन, गंगा का पानी तेजी से बढ़ने से पूरा गडढा पानी से भर गया। अब गंगा का पानी घट जाने व पानी निकासी होने के बाद ही कार्य प्रारंभ किये जायेंगे। जबकि, पानी के कारण कार्य की प्रगति में दो से तीन माह की बाधा पहुंची है। फिर भी कार्य को दो वर्षो में कंपनी पूरा करने का आश्वासन दे रही है।
खतरे की घंटी बजा रहा पंप हाउस का डूबा गडढा
चौसा गंगा पंप कैनाल पर निर्माण किया जा रहा पंप हाउस के लिए कंपनी द्वारा खोदा गया गडढा पानी में डूब जाने से खतरे की घंटी बजा रहा है। हालांकि, डूबे गडढे पर निर्माणाधीन कंपनी द्वारा कोई सावधान करनेवाला निशान या चिन्ह नहीं बनाया गया है। जिससे लोग इस गडढे में जाने से बचे। गौरतलब हो कि गडढे में पंप हाउस के निर्माण के लंबे-लंबे लोहे के सरीयो का जाल बुना हुआ है। उपर से सैकड़ों फीट चौड़ी व 51 फीट गहरे खुदे अनदेखी खाई कभी भी बड़े हादसे का सबब बन सकता है। जबकि, कंपनी द्वारा इसके लिए अभी तक कोई उपाय नहीं किया गया है। इस संबंध में वहा कार्यरत कर्मियों से पूछने पर बड़े हाकिम के न होने को बताया तथा इन लोगों द्वारा बताया गया कि घेराबंदी कर लाल फीते से खतरे का निशान बनाया जायेगा।