अनुमंडल अस्पताल : नाम बड़े व दर्शन छोटे
बक्सर। अनुमंडल अस्पताल की हालत इन दिनों बदहाल है। अस्पताल के हालात को लेकर नाम बड़े व दर्शन छोटे वाल
बक्सर। अनुमंडल अस्पताल की हालत इन दिनों बदहाल है। अस्पताल के हालात को लेकर नाम बड़े व दर्शन छोटे वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। अनुमंडल अस्पताल की बदहाली का आलम यह है कि यहां दवा का घोर अभाव बना हुआ है।
खासतौर पर इस अस्पताल में प्रसव को लेकर दूरदराज से पहुंचने वाली गरीब महिलाओं के समक्ष गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है। मरीजों के परिजनों को दवा बाजार से खरीदकर लाना पड़ता है। वहीं, अस्पताल में मरीजों को दी जाने वाली पथ्य आहार सेवा काफी घटिया किस्म का पाये जाने पर मरीजों के परिजनों व अस्पताल प्रंबधन के बीच प्राय: नोंकझोंक की समस्या बनी रहती है। सूत्रों की मानें तो सरकार द्वारा मरीजों के बीच सुबह में अंडा, दोपहर के भोजन में दही, शाम में चाय व बिस्कुट तथा रात्रि में दाल देने का प्रावधान है। लेकिन, यहां उक्त मीनू का पालन नहीं होता है। इसे लेकर रोगी कल्याण समिति से लेकर प्रबुद्वजनों द्वारा सवाल खड़े किये जाने के बाद भी कोई बदलाव अब तक नहीं आ सका है। पिछले दिनों अस्पताल में प्रसव के लिए पहुंची चंदा गाव की महिला सोनी देवी के अभिभावक खलिया देवी, नगर के ढेलवानी मुहल्ला निवासी रोगी अजमेरी खातून के अभिभावक जुबैर खातून, ठठेरी बाजार की रोगी रिंकी देवी, मदिना खातून के अभिभावक शोएब खातून ने बताया कि मरीज के इलाज के लिए दवा बाहर के दुकान से खरीद कर लाना पड़ा। सुबह में नास्ता में घटिया किस्म का पानी मिला दूध व ब्रेड अस्पताल से मिला।
कहते हैं अधिकारी
अनुमंडल अस्पताल प्रबंधक चंद्रशेखर आजाद ने मरीजों को सुबह में मिलने वाले नास्ता व भोजन की घटिया गुणवत्ता की शिकायत पर कहा कि विभाग के उच्च अधिकारी को लिखा जायेगा। वहीं, दूसरी ओर विभाग में काम करनेवाले एक अधिकारी ने अपना नाम व पता नहीं छापने की शर्त पर बताया कि सरकार द्वारा संबंधित ठेकेदार को समय पर भुगतान नहीं होता है।