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मैडम से मिलना है तो लेनी होगी अनुमति

सिमरी (बक्सर) : मैडम से मिलना है तो अनुमति लेनी होगी। यह फरमान प्रखंड कार्यालय से जारी हुआ है। बावजू

By Edited By: Published: Thu, 28 May 2015 05:38 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2015 05:38 PM (IST)
मैडम से मिलना है तो लेनी होगी अनुमति

सिमरी (बक्सर) : मैडम से मिलना है तो अनुमति लेनी होगी। यह फरमान प्रखंड कार्यालय से जारी हुआ है। बावजूद, कोई अनधिकृत रूप से कार्यालय में प्रवेश करने का दु:साहस करता है तो उसे बाहर निकालने की भी व्यवस्था की गयी है। इस नियम की जद में आम जनता के साथ-साथ त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधि भी शामिल है।

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प्रखंड के इतिहास में पहली बार बने इस नियम को लेकर अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो चुका है। राजपुर परसनपाह पंचायत के मुखिया का कहना है कि बुधवार को पंचायत में खाद्यान्न दिवस मनाने के नाम पर हुई खानापूर्ति की शिकायत लेकर जब वह ग्रामीण विकास पदाधिकारी से मिलने गये तो उन्होंने मिलने से इंकार कर दिया। कुछ अन्य प्रतिनिधियों के साथ भी ऐसी ही घटना घटित हुई है। हालांकि, इस मुद्दे को मुखिया संघ ने काफी गंभीरता से लिया है। संघ के सचिव दीपक सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि लोकतंत्र मे अधिकारी जनता के सेवक है शासक नहीं। उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ आम जनता पर अफसरशाही की धौंस बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसे लेकर पंचायत प्रतिनिधियों में काफी आक्रोश व्याप्त है।

अध्यक्ष ने बुलायी आपात बैठक

मुखिया संघ के अध्यक्ष तेजनारायण ओझा ने आगामी रविवार को संघ के सदस्यों् की आपात बैठक बुलायी है। जिसमें इस मुद्दे पर व्यापक विचार विमर्श के बाद आगे की रणनीति बनायी जाएगी। इस आशय की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों के मान सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं होगा। संघ एकजुट होकर इसका विरोध करेगा। संघ के सचिव दीपक सिंह का कहना था कि ग्रामीण विकास पदाधिकारी को आम जनता एवं पंचायत प्रतिनिधियों से मिलने के लिए वक्त नहीं है तो उन्हें जनता दरबार की तिथि मुकर्रर कर देना चाहिए। ताकि आसानी से लोग उसमें अपनी बात रख सके।

शनिवार तक खाली कराये भवन

पंचायत प्रतिनिधि अब आर पार के मूड में है। मुखिया संघ के सचिव श्री सिंह का कहना है कि यदि शनिवार तक प्रखंड मुख्यालय में तत्कालीन विधान पार्षद लालदास राय द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के बैठने के लिए बनाये गये सामुदायिक भवन में से इंदिरा आवास सहायकों को अन्यत्र व्यवस्थित नहीं किया गया तो प्रतिनिधि बाध्य होकर तालाबंदी करेंगे।

क्या कहती हैं आरडीओ

मामले में जब ग्रामीण विकास पदाधिकारी अर्चना कुमारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि सारे आरोप बेबुनियाद है।


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