डीबीटीएल कराने को गैस उपभोक्ताओं में आपाधापी
जागरण संवाददाता, बक्सर : 'डाइरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर फार एलपीजी' (डीबीटीएल) के तहत निबंधन कराने को घ
जागरण संवाददाता, बक्सर : 'डाइरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर फार एलपीजी' (डीबीटीएल) के तहत निबंधन कराने को घरेलू गैस उपभोक्तओं के बीच आपाधापी मच गई है। जिससे एजेंसियों के पास लंबी कतारें लग रही हैं। आवेदन जमा करने के लिए उपभोक्ताओं के बीच होड़ मची है, ताकि सब्सिडी के लाभ से उन्हें वंचित नहीं होना पड़े।
पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खाता में सब्सिडी की राशि देने के लिए यह रणनीति बनाई गई है। ताकि सब्सिडी वाले सिलेंडरों की कालाबाजारी पर रोक लगाई जा सके। उपभोक्ताओं को बैंकों व एजेंसियों में आवेदन जमा करने की समय सीमा दिसंबर तक रखा गया है। जिसके चलते उपभोक्ताओं के बीच जल्दबाजी है। एजेंसी प्रबंधन के मुताबिक अभी काफी उपभोक्ताओं द्वारा डीबीडीएल का फार्म जमा नहीं किया गया है। ऐसे में समय सीमा के भीतर यह प्रक्रिया पूरी करना मुश्किल हो गया है। बैंकों के खाता नंबर की जानकारी के साथ आवेदन देना है। जिसके बाद अहर्ता वाले उपभोक्ताओं को अनुदान की राशि सीधे उसके बैंक खाते में मिलना शुरू हो जाएगी। इससे पहले विभाग द्वारा सब्सिडी की राशि संबंधित पेट्रोलियम कंपनियों को मुहैया कराया जाता था। एक गैस एजेंसी के कर्मचारी ने बताया कि अभी तक डीबीटीएल के तहत तीस फीसद उपभोक्ताओं का भी निबंधन नहीं हुआ है। ऐसे में इसी महीने सभी का निबंधन मुश्किल है। हालांकि, इस पर दिन रात काम हो रहा है।
ऐसे मिलेगी अब सब्सिडी
रसोई गैस पर सब्सिडी का पैसा जनवरी से सीधे खाते में जायेगा। जैसे ही उपभोक्ता अपनी रसोई गैस का बुकिंग करायेगा, उसके खाते में सब्सिडी की रकम का आनलाइन ट्रांसफर हो जायेगा। इसके बाद वेंडर जब आपके घर गैस सिलेंडर लेकर आयेगा तो उसे बाजार दर पर सिलेंडर का भुगतान करना होगा। अभी बिना सब्सिडी के रसोई गैस का मूल्य तकरीबन आठ सौ रुपये है। यही प्रक्रिया अगले बार भी रसोई गैस लेने में दुहरायी जायेगी।