रावण ने किया सीता का हरण
जागरण संवाददाता, बक्सर : रामलीला समिति के तत्वावधान में किला मैदान में चल रहे 21 दिवसीय विजय दशमी
जागरण संवाददाता, बक्सर : रामलीला समिति के तत्वावधान में किला मैदान में चल रहे 21 दिवसीय विजय दशमी महोत्सव के चौदहवें दिन सोमवार को रामलीला में सुर्पणखा नासिका भंड व सीता हरण लीला मंचन किया गया। जबकि दोपहर को रासलीला के डाकू गोवर्धन लीला का मंचन हुआ।
रामलीला में दिखाया गया कि श्रीराम, पत्नी सीता व अनुज लक्ष्मण के साथ पंचवटी में विश्राम कर रहे हैं। इसी बीच भ्रमण करते हुए लंकाधिपति रावण की बहन सुर्पणखा वहां पहुंचती है। जो मन-ही-मन श्रीराम व लक्ष्मण को देखकर उनसे शादी करने की इच्छा करती है। इसके लिए वह अपना सुंदर रूप बनाती है। इसके बाद खुद से शादी करने का प्रस्ताव लेकर श्रीराम के नजदीक जाती है। जिसपर श्रीराम ने खुद को विवाहित बताकर उसे अनुज लक्ष्मण के पास भेज देते हैं। सुर्पणखा के प्रस्ताव को लक्ष्मणजी भी ठुकरा देते हैं। जिससे वह क्रोधित होकर उन्हें भयभित करने लगती है। लिहाजा श्रीराम के इशारा मिलने पर लक्ष्मणजी उसका नाक काट डालते हैं। फिर रोती हुई सुर्पणखा, खर-दूषण व त्रिसरा के पास जाती है। जो अपनी सेना के साथ श्रीराम पर हमला बोलते हैं। लेकिन वे खुद ही मारे जाते हैं। इसके बाद सुर्पणखा अपने भाई रावण के पास लंकापुरी पहुंचकर उससे आपबीती सुनाती है। जिससे क्रोधित होकर रावण सीताजी के हरण का योजना बनाकर मारीच को मृग के भेष में पंचवटी भेजता है तथा वह सीताजी के हरण में कामयाब हो जाता है।