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कम बारिश का दिखने लगा साइड-इफेक्ट

By Edited By: Published: Thu, 28 Aug 2014 01:05 AM (IST)Updated: Thu, 28 Aug 2014 01:05 AM (IST)
कम बारिश का दिखने लगा साइड-इफेक्ट

डुमरांव (बक्सर) : मानसून के दगा देने से परेशान किसानों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। अगस्त के दूसरे सप्ताह में छिटपुट बारिश के सहारे किसानों ने किसी तरह धान की रोपनी तो कर ली, लेकिन पानी कम होने के साइड-इफेक्ट से वे अपने पौधों को नहीं बचा पा रहे हैं। पौधों की जड़ में पानी न होने से तनाछेदक कीटों ने उसमें अपना डेरा बना लिया है और अब वे फसल को बर्बाद करने पर तुले हैं।

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कम बारिश के कारण भले ही अब तक अनुमंडल क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित नही किया गया हो। लेकिन, क्षेत्र के किसानों की हालत बहुत खराब है। रोग लगने से पौधे सूखने लगे है। किसानों का कहना है कि रोपनी करने के 20-25 दिन के बाद कीड़ों का प्रकोप तेजी से बढ़ता है। जो मूल ग्रोथ को चाटने लगते है और धान का पौधा पीला होकर सूख जाता है। कृषि वैज्ञानिक या पंचायतों में बहाल किये गये कृषि सलाहकार भी किसानों को कारगर सुझाव नही देते। यहा तक कि इनकी समस्या सुननेवाला भी कोई नही है। तपती धूप और पछुआ हवा के कारण खेतों की हालत देख किसानों की हालत खराब होती जा रही है।

कहते हैं अधिकारी

डुमरांव के कृषि पदाधिकारी मो.शौकत अली ने भी माना कि इस वर्ष कम बारिश होने से खेती को काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि किसान फ्यूरोडान को प्रति बीघा लगभग एक किलो में बालू के साथ मिलाकर छिड़काव करे तो धान में लगे रोग पर काबू पाया जा सकता है।


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