पशुओं के जान का दुशमन बना पशुपालन विभाग
जागरण संवाददाता, बक्सर : जिला पशुपालन विभाग द्वारा वर्षात पूर्व पशुओं में लगाए जाने वाले एचएसवीक्यू का वैक्सीनेशन योजना पिछले दो वर्षो से बंद है। इससे पशुओं को जान का खतरा बना हुआ है। विभागीय सूत्रों की माने तो पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग से पिछले दो वर्षो से इस बीमारी का वैक्सीन मिला ही नही है।
इससे वैक्सीनेशन की योजना पर कार्य नही हुआ है। पशु चिकित्सकों के मुताबिक गलाघोटू व लंगड़ी बीमारी पशुओं में होने पर जिले में उपचार की कोई व्यवस्था नही है। ऐसे में पशुपालक इस बीमारी के लगने के दौरान अपने पशुओं को मरते हुए देखने के अलावा कोई चारा नही है। जबकि, सरकार ने पशुपालन को कृषि का दर्जा देने हेतु कई योजना बनायी। लेकिन, विभागीय स्तर पर योजनाओं को आमली जामा पहनाया नही जा रहा है। इससे जिले के पशुपालकों की स्थिति काफी खस्ता हाल होते जा रही है। पशुपालक कमाली यादव ने बताया कि इस बीमारी से दो वर्षो में जिले में लगभग पचास पशुओं की मौत हो चुकी है। इससे वर्षात का मौसम होने पर जिले के पशुपालक सकते में आ जाते है। उन्हें इस बीमारी का भय सताने लगता है। इस संबंध में प्रभारी पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि वैक्सीन की मांग पिछले दो वर्षाें से विभाग से किया जा रहा है। लेकिन, वैक्सीन अब तक उपलब्ध नही हुआ है।