डीडीसी का पद उधार, कोमा में पंचायत सरकार
जागरण संवाददाता, बक्सर : तबादला के बाद उधार के पदाधिकारी के बूते उप विकास आयुक्त (डीडीसी) का कार्य चलाया जा रहा है। परंतु प्रभारी पदाधिकारी को वित्तीय अधिकार नहीं मिला है। जिससे यह पद मात्र कठपुतली बनकर रह गया है। ऐसे में जिले के सभी ग्रामीण विकास कार्य ठप पड़ गए हैं।
करीब एक सप्ताह पूर्व तत्कालीन डीडीसी एसएन कुंवर का तबादला अन्य जगह हो गया था। लिहाजा उनके जाने से खाली इस कुर्सी की जिम्मेदारी अपर समाहर्ता अजय कुमार को सौंपी गई है। लेकिन उन्हें वित्तीय अधिकार से वंचित रखा गया है। जिससे मनरेगा अथवा ग्रामीण विकास संबंधि अन्य योजनाएं लटक गई हैं। डीडीसी ही जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी होते हैं। सो जिला परिषद से लेकर ग्राम पंचायतों व पंचायत समितियों तक के कार्यो में उनकी महती भूमिका होती है। पर न तो इस पद पर नए पदाधिकारी की पदस्थापना की जा रही है और न ही प्रभारी डीडीसी को वित्तीय अधिकार से लैश किया जा रहा है। इसको लेकर मंगलवार को जिप अध्यक्ष अक्षयवर यादव की अध्यक्षता में जिलाधिकारी रमण कुमार से पार्षदों का एक प्रतिनिधिमंडल मिला तथा समस्याओं से अवगत कराते हुए उनसे प्रभारी डीडीसी को वित्तीय अधिकार तत्काल दिलाने की गुजारिश किया। प्रतिनिधिमंडल में डॉ.मनोज यादव, मोहन पासवान, धर्मेन्द्र पांडेय, नरेन्द्र यादव, शिव विलास साह, दपीक कुमार, जयप्रकाश राय व बहेतरी देवी आदि शामिल थे।