स्ट्रेचर नहीं मिला तो महिला को अस्पताल में यूं घसीटकर ले गए परिजन
भोजपुर जिले के सदर अस्पताल में एक महिला मरीज को स्ट्रेचर के अभाव में उसके परिजन घसीटकर ले गए। मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना का वीडियो वायरल हो गया है।
भोजपुर [जेएनएन]। बिहार में वायरल हो रही एक तस्वीर ने फिर से चिकित्सा व्यवस्था के सरकारी दावों पर सवाल खड़े किये हैं। मामला भोजपुर से जुड़ा है जहां के आरा सदर अस्पताल प्रशासन की कर्तव्यहीनता ने मानवता को शर्मसार कर दिया है।
आरा के सदर अस्पताल में एक महिला रोगी को स्ट्रेचर के अभाव में ओपीडी से इलाज के लिए मेडिकल वार्ड तक घसीटते हुए ले जाया गया। इससे महिला रोगी जख्मी भी हो गई। मामला बुधवार का है। डॉक्टरों ने महिला रोगी को विक्षिप्त बताया है।
बताया जाता है कि कृष्णागढ़ थाने के सरैंया गांव के अनिल साह की पत्नी शकुंतला देवी अस्पताल में 4 दिन से ओपीडी में इलाजरत थी। बुधवार को वह ओपीडी से मेडिकल वार्ड पहुंच गई। इस क्रम में वह जमीन पर गिर गई। इसे देख उसका पति ओपीडी ले जाने के लिए स्ट्रेचर खोजने लगा।
उसके काफी प्रयास के बाद भी अस्पताल में स्ट्रेचर नहीं मिला। विवश होकर वह दो लोगों के सहयोग से पत्नी शकुंतला को घसीटते हुए किसी तरह ओपीडी में ले गया। सदर अस्पताल के स्टाफ देखते रहे। किसी ने स्ट्रेचर उपलब्ध कराने का प्रयास नहीं किया।
घसीटने के कारण महिला बुरी तरह से जख्मी हो गयी। महिला पहले से मानसिक रुप से कमजोर थी। जिले के कृष्णागढ थाने के सरैया निवासी अनिल साह ने अपनी पत्नी शकुंतला देवी को चार दिन पहले ही सदर अस्पताल में इलाज के लिये भर्ती कराया था। इस दौरान उनका इलाज ओपीडी में चल रहा था। बुधवार को मरीज की तबियत ज्यादा बिगड़ गयी और वो मेडिकल वार्ड में जमीन पर गिर गयी।
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इसे देख अनिल उसे ओपीडी ले जाने लगा काफी कोशिशों के बाबजूद जब स्ट्रेचर नहीं मिला तब दो लोगों की मदद से शकुंतला को घसीटते हुए ओपीडी तक ले जाया गया। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन ने पल्ला झाड़ लिया है। अस्पताल के उपाधीक्षक ने बताया कि महिला मरीज मानसिक रूप से विक्षिप्त है और उसके परिवार ने किसी भी तरह का स्ट्रेचर नहीं मांगा था।
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मिर्गी की दवा से बिगड़ी मानसिक हालत
अनिल साह ने बताया कि उसकी पत्नी शकुंतला देवी मिर्गी की मरीज थी। करीब चार माह पहले सदर अस्पताल में उसका इलाज हुआ था। दवा खाने के बाद उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ गई। उसे चार दिन पहले फिर से सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। बुधवार को उसे इंजेक्शन दिलाने के लिए मेडिकल वार्ड ले जाया गया था। हालांकि इंजेक्शन भी नहीं दिया गया।
डीएस बोले-स्ट्रेचर नहीं मिलने की बात गलत
इधर, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. सतीश कुमार सिन्हा ने स्ट्रेचर नहीं मिलने की बात को गलत बताया है।
उन्होंने कहा- "महिला मानसिक रूप से कमजोर थी। वह बार-बार ओपीडी से भाग जा रही थी। बुधवार को भी ओपीडी से भागकर मेडिकल वार्ड पहुंच गई थी। उसके परिजनों द्वारा स्ट्रेचर की मांग नहीं की गई। अपने स्तर से ही उसके परिजनों द्वारा घसीटकर ले जाया होगा। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन दोषी नहीं है।"
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