सही कीमत व गुणवत्ता को भटकते उपभोक्ता
भोजपुर । उपभोग के लिए खरीदारी से पहले हर उपभोक्ता अपने स्तर से वस्तु की कीमत व गुणवत्ता
भोजपुर । उपभोग के लिए खरीदारी से पहले हर उपभोक्ता अपने स्तर से वस्तु की कीमत व गुणवत्ता के बारे में स्वत:आकलन अवश्य करता है। पर जानकारी के अभाव में भी कई उपभोक्ता अपने हितों को पूरी तरह सुरक्षित नहीं पाते हैं। हालांकि इस मामले में सरकारी स्तर में भी कई प्रावधान किये गये हैं, जिसके तहत माप तौल विभाग से लेकर उपभोक्ता फोरम तक का गठन किया गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा समय-समय पर उपभोक्ता जागरूकता से संबंधित कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं। समाचार पत्रों व इलेक्ट्रानिक चैनलों के माध्यम से विज्ञापन भी प्रसारित कराये जाते हैं। पर इन तमाम कवायद के बावजूद उपभोक्ताओं की शिकायतों की संख्या कम नहीं हो पा रही है। बिहार चैम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री, भोजपुर के महासचिव पदमराज कुमार जैन के अनुसार उपभोक्ता की संख्या उत्पादकों से बहुत ज्यादा होने के बावजूद उनके हित सुरक्षित नहीं रह पाते। उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता की कमी को रेखांकित करते हुए उन्होंने बताया कि अभी से 8-10 वर्ष पूर्व उपभोक्ता संरक्षण को ले जिला सलाहकार समिति का गठन किया गया था। उसे पुनर्गठित करने की आवश्यकता है।
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कहते है उपभोक्ता :
ममता कुमारी बताती हैं कि फिक्स प्राइस गुणवत्ता व स्टेटस सिंबल के कारण शहर में माल कल्चर तेजी से विकसित हो रहा है। वहीं उपभोक्ताओं के बीच बार्गेनिंग से बचने का समझौतावादी दृष्टिकोण विकसित हो रहा है। वहीं रीना सिंह के अनुसार उपभोक्ता संरक्षण से संबंधित कानूनों को सरल बनाया जाना चाहिए। उन्होंने जागरूकता अभियान को जमीनी स्तर पर लागू करने को भी आवश्यक बताया। पकड़ी निवासी विजय मेहता बताते हैं कि कई दुकानों में मांगने पर भी प्रामाणिक रसीद उपलब्ध नहीं कराई जाती है। कई मोबाइल कंपनी द्वारा भी मनमाने ढंग से राशि वसूले जाने को ले श्री मेहता खासे नाराज हैं। वहीं दुकानदार लाल बहादुर बताते हैं कि दुकानदार खुद भी तो उपभोक्ता होता है। जटिलता व जागरूकता के अभाव में अधिकांश उपभोक्ता अपने हितों को सुरक्षित नहीं रख पाते हैं।