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विशेश्वर ओझा का हुआ अंतिम संस्कार, नम आंखों से बीजेपी नेताओं ने दी विदाई

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विशेस्वर ओझा पंचतत्व में विलीन हो गये हैं। उनका बक्सर के चरित्रवन में अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर बीजेपी नेताओं ने नम आंखों से विदाई दी।

By Prasoon Pandey Edited By: Published: Fri, 12 Feb 2016 06:29 PM (IST)Updated: Sat, 13 Feb 2016 10:47 PM (IST)
विशेश्वर ओझा का हुआ अंतिम संस्कार, नम आंखों से बीजेपी नेताओं ने दी विदाई

बक्सर। चरित्रवन घाट पर आज शाम भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और शाहपुर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे विशेश्वर ओझा का अंतिम संस्कार किया गया। नम आंखों से भाजपा नेता को अंतिम विदाई दी गयी। उनके छोटे पुत्र राकेश रंजन ने उन्हें मुखाग्नि दी।

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इस दौरान पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी व लोजपा संसदीय दल के नेता चिराग पासवान समेत एनडीए के कई वरिष्ठ नेता वहां मौजूद थे। शाम 7.35 बजे जैसे ही शव को लेकर काफिला शमशान घाट पर पहुंचा, अंधेरे में भी शव को देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी।

आंखों में नमी, जुबां पर दिखा आक्रोश

इस दौरान शव यात्रा में शामिल लोगों की आंखों में नमी दिखी तो उनकी जुबां पर आक्रोश भी नजर आया। इससे पूर्व रास्ते में जगह-जगह विशेश्वर ओझा के शव को फूल माला अर्पित कर कार्यकर्ताओं द्वारा श्रद्धांजलि दी गयी। ब्रह्मपुर से लेकर बक्सर तक दर्जनों जगहों पर शव यात्रा को रोक लोगों ने फूल-माला अर्पित किये।

भीड़ के कारण शव यात्रा इतनी धीमी गति से आगे बढ़ी कि गोलंबर से चरित्रवन घाट तक के पांच किलोमीटर की यात्रा तय करने में चारपहिया वाहन से डेढ़ घंटे लगे। शवयात्रा के मद्देनजर पुलिस-प्रशासन ने भी कड़ी व्यवस्था कर रखी थी। शहर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल के जवान तैनात थे।

नम आंखों से बीजेपी नेताओं ने दी विदाई

मौके पर घाट पर पहुंचे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में पूर्व उप मुख्यमंत्री के अलावा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय, अमरेन्द्र प्रताप सिंह, अवधेश नारायण सिंह, प्रेम कुमार, चिराग पासवान, हरेन्द्र प्रताप, शिवनारायणजी, अश्विनी कुमार चौबे समेत सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे।

घटनाक्रम

कल सरेआम अपराधियों ने भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विशेस्वर ओझा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उनकी हत्या तब की गई थी जब वे शाहपुर बाजार में कुछ लोगों से बात कर रहे थे। लगभग डेढ दर्जन की संख्या में आए अपराधियों ने दनादन उनपर गोलियां दागीं और फरार हो गए।

हत्यारों ने विशेश्वर ओझा को बचने का कोई मौका ही नहीं दिया और उनकी मौका-ए-वारदात पर ही मौत हो गयी। गोलीबारी में उनके चालक राकेश कुमार ओझा और ब्रह्मपुर के देवकुली पंचायत के मुखिया कमलदेव ओझा घायल हो गए ।

हत्या के मामले में दो आरोपी गिरफ्तार

पुलिस ने हत्या के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिसमें एक का नाम हरेंद्र सिंह है और दूसरे का नाम इलियास उर्फ भुआ सिंह है। पुलिस दोनों आरोपियों से लगातार पूछताछ कर रही है।

पुलिस लगातार कर रही छापेमारी

इसके अलावे शाहपुर थाना क्षेत्र के ईश्वरपुरा एवं सोनवर्षा गांव में एसपी नवीन चंद्र झा ने छापेमारी कर 7 लोगो को भी हिरासत में लिया है, जिनसे शाहपुर थाने में पूछताछ की जा रही है। इसके साथ ही कई अन्य स्थानों पर भी छापेमारी की सूचना मिल रही है।

गैंगवार में गयी जान

विशेश्वर ओझा की हत्या को राज्य पुलिस मुख्यालय ने गैंगवार का नतीजा बताया है। राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक सुनील कुमार ने कहा कि विश्वेश्वर ओझा का अपना आपराधिक इतिहास रहा है। उनके खिलाफ विभिन्न थानों में एक दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं।

शुरू हो सकता है गैंगवार, सहमे लोग बिहार बीजेपी उपाध्यक्ष विशेश्वर ओझा की हत्या के बाद इलाके के लोग सहमे हुए हैं। शाहपुर की जनता अब दियारा में गैंगवार की शुरुआत से सहमी हुई है।

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बीजेपी ने दिया 72 घंटे का अल्टीमेटम

विशेश्वर ओझा की हत्या के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पाण्डेय ने नीतीश सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं होती है तो पार्टी पूरे बिहार में आंदोलन करेगी।

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बिहार-यूपी सीमा विवाद से आए थे चर्चा में

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व शाहपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी विशेश्वर ओझा बिहार-यूपी सीमा विवाद व शाहपुर दियारे विवाद के बाद चर्चा में आये। 2005 में पहली बार पत्नी शोभा देवी को शाहपुर विधानसभा क्षेत्र से समता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ाकर जिले की राजनीति में सुर्खियों में आये।

उसके बाद से उनके जीवन का राजनीतिक सफर शुरू हुआ। 11 वर्षों तक भाजपा नेता का राजनीति में दबदबा रहा। दिवंगत भाजपा नेता वर्ष 2011 में हुए भोजपुर सह बक्सर स्थानीय निकाय क्षेत्र (विधान पार्षद) चुनाव में पहली बार खुद चुनाव लड़ अपनी किस्मत आजमाएं।

वर्ष 2014 में वे भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष बने और 2015 के विधानसभा चुनाव में शाहपुर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े। चुनाव परिणाम में ये द्वितीय स्थान पर रहे ।

शाहाबाद प्रक्षेत्र में थी मजबूत पकड़

भाजपा नेता का शाहाबाद प्रक्षेत्र में राजनीति के क्षेत्र में मजबूत पकड़ थी। भोजपुर के अलावा बक्सर, रोहतास एवं कैमूर जिले में एक लोकप्रिय भाजपा नेता के रूप में चर्चित थे।

ढाई दशक तक संघर्षशील रहा जीवन

46 वर्षीय भाजपा नेता का जीवन सफर ढाई दशक तक संघर्षों में बीता। वर्ष 1990 के दशक में बिहार-यूपी सीमा विवाद व शाहपुर दियारे की भूमि विवाद से सुर्खियों में आए थे दिवंगत भाजपा नेता।

दिवंगत राज किशोर ओझा के बड़े पुत्र थे विश्वेश्वर

शाहपुर थाना क्षेत्र के ओझवलिया गांव के मूल निवासी भाजपा नेता दिवंगत राज किशोर ओझा के दो पुत्रों में वे बड़े थे। मुक्तेश्वर ओझा उर्फ भुअर ओझा इनके छोटे भाई थे।


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