शराबबंदी की घोषणा कहीं घोषणा बनकर ही न रह जाये
भोजपुर । राज्य सरकार के चुनावी वादे के अनुसार प्रदेश में शराबबंदी के लिए एलान के बाद स
भोजपुर । राज्य सरकार के चुनावी वादे के अनुसार प्रदेश में शराबबंदी के लिए एलान के बाद सामाजिक स्तर पर प्रबुद्ध लोगों द्वारा कई तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है। शराबबंदी के फरमान को सराहनीय कदम तो बताया जा रहा है, लेकिन इसके बाद कई स्तर पर शराब के धंधे के पनपने की आशका भी जता रहे है कई लोग। आखिर जो लोग शराब के नशे की लत वाले है उनके लिए सरकार क्या करेगी, क्योंकि शराबी एकाएक तो शराब छोड़ने वाले नहीं है और इसका फायदा धंधेबाज जरूर उठाने के फिराक में लग जायेंगे। लोगों का मानना है कि जब सरकारी स्तर पर इतने बड़े पैमाने पर दुकाने नहीं थी तब बड़ी संख्या में देशी शराब को बनाने की भट्टिया थी। जहा से इसे सेवन करने वालों को आसानी से शराब मिल जाती थी।
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क्या कहते है लोग :
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फोटो फाईल
27 आरा 51
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नशामुक्ति अभियान चलने वाले समाजिक कार्यकत्र्ता मुक्तेश्वर मिश्र के अनुसार सिर्फ ऐलान मात्र से ही शराबबंदी पर लगाम नहीं लग सकता। इसके लिए सामाजिक जागरूकता जरुरी है। नहीं तो शराब का अवैध धंधा जोर पकड़ लेगा।
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फोटो फाईल
27 आरा 50
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शाहपुर प्रखंड कृषि सम्मान से सरकार द्वारा सम्मानित किसान उमेश चंद्र पाडेय की माने तो सरकार की यह सराहनीय कदम है। परंतु सरकार के अधिकारी सुस्त रहे तो देशी अवैध शराब का धंधा व तस्करी भी जोर पकड़ेगा।
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फोटो फाईल
27 आरा 53
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विजय सिंह के अनुसार शराबबंदी से सबसे ज्यादा फायदा गरीब तबके के लोगों को होगा। जिनका घर शराब के कारण बर्बाद हो रहा है। गरीब आर्थिक रूप से मजबूत होंगे।
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फोटो फाईल
27 आरा 52
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यह सरकार द्वारा उठाया गया नेक कदम है। यह कहना है अवध राज का। परंतु अभी यह देखना है कि यह हो भी पता है या नहीं। क्योंकि शराबबंदी के बाद ब्लैक मार्केटिंग को बढ़ावा मिल सकता है। यह सरकार के लिए चुनौती होगी।