व्यवस्था से उठ रहा उपभोक्ताओं का भरोसा
भोजपुर । बिजली विभाग की बदहाल व्यवस्था के आगे उपभोक्ता परेशान हैं। विभागीय अधिकारियों पर उपभोक्ताओं
भोजपुर । बिजली विभाग की बदहाल व्यवस्था के आगे उपभोक्ता परेशान हैं। विभागीय अधिकारियों पर उपभोक्ताओं का भरोसा अब टूट रहा है। राजस्व शाखा में अपनी शिकायत लेकर पहुंचे अधिकांश बिजली उपभोक्ताओं की मानें तो बार-बार गुहार लगाने के बावजूद कार्रवाई नहीं होती है। साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड विद्युत आपूर्ति प्रमंडल कार्यालय भोजपुर कार्यालय में कोई ऐसा दिन नहीं होगा जिस दिन बिजली के सवाल को लेकर कोई शोरगुल न हो। अपनी शिकायत लेकर विभाग में पहुंचे उपभोक्ताओं की बात सुनने को कोई तैयार नहीं होता है। ऐसे में वाजिब सवाल पीछे छूट जाता है और समस्या जस की तस बरकरार रहती है। राजस्व शाखा में मीटर जल जाने की शिकायत लेकर पहुंची ¨रकी देवी की मानें तो कई माह से मीटर जला है। जले मीटर बदलने के लिए तीन माह से विभाग का चक्कर लगा रहे हैं। यही हाल विभाग में पहुंचे तकरीबन हर किसी की थी। बस लोगों का एक ही सवाल था आखिर कैसे ठीक होगी व्यवस्था।
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बिजली बिल की कहानी उन्हीं की जुबानी
फोटो फाइल 30 आरा 14
कैप्सन- राजकुमार
गौसगंस निवासी राजकुमार विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए कहते हैं कि तीन माह से मीटर जला है। चंद्रमोहन प्रसाद चौरसिया के नाम से विद्युत कनेक्शन है। जले मीटर को बदलवाने के लिए विभागीय अधिकारियों के यहां कई बार आवेदन दिया गया। मगर आवेदन पर कार्रवाई आगे नहीं बढ़ रही है। बिजली मनमाने तरीके से आ रहा है।
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फोटो फाइल 30 आरा 15
कैप्सन- राजकुमार तिवारी
विष्णु नगर निवासी 65 वर्षीय राजकुमार तिवारी का कहना था कि हर माह बिल लगातार जमा करते आ रहे हैं। फिर भी मई में बारह हजार छह सौ पच्चीस रुपये का बिल विभाग ने भेज दिया है। जिसे अब सुधारवाने के लिए कई दिनों से दौड़ रहे है।
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फोटो फाइल 30 आरा 16
कैप्सन- अकील अहमद
बलबतरा निवासी अकील अहमद बिजली बिल को लेकर काफी परेशान दिखे। उनका कहना था कि रशीदा खातून के नाम बिजली का कनेक्शन है। जिसका बिल बारह सौ रुपये आ गया है। हर महीने बिल समय से जमा करते है। मीटर रीडिंग कोई लेने नहीं जाता है। जिस कारण बिल भी ऐसे तैसे भेज दिया जाता है।
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फोटो फाइल 30 आरा 17
कैप्सन- शिवजी शर्मा
बेगमपुर निवासी शिवजी शर्मा का कहना था कि एक पंखा और एक बल्ब का विभाग ने 17 हजार रुपये का बिल थमा दिया है। सुधार कराने के लिए विभाग में हर दिन आ रहे हैं, मगर विभागीय अधिकारी कल आइए कहकर एक माह से दौड़ा रहे हैं। मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले शिवजी शर्मा कहते हैं कि एक तो हर दिन मजदूरी भी चली जाती है, दूसरी ओर विभाग बार-बार आने की बात कहकर मानसिक रूप से परेशान कर रहा है।