महिलाओं को आर्थिक आजादी दिलाने को कर रही काम
भोजपुर । 'हम फूल नहीं चिंगारी हैं..' कविता की पंक्तियों को नीता ने प्रमाणित कर दिया है। बक्सर जिले क
भोजपुर । 'हम फूल नहीं चिंगारी हैं..' कविता की पंक्तियों को नीता ने प्रमाणित कर दिया है। बक्सर जिले के चौगाई गांव से वर्ष 1999 में कला महाविद्यालय, आरा में फाइन आर्ट की पढ़ाई करने आई नीता पढ़ाई खत्म करने के बाद जब कलम-कूची के जरिये खुद को आर्थिक संकटों से मुक्त नहीं कर पाई, तो उसने आर्थिक संकटों से जूझ रही हजारों महिलाओं को आर्थिक आजादी दिलाने की जंग छेड़ दी। इस दौरान उसने कई सामाजिक संस्थाओं की स्थापना के साथ कई संस्थाओं में प्रमुख भूमिका निभा कर महज तीन-चार वर्षो में लगभग 4000 महिलाओं को संगठित किया है। जिसमें अधिकांश महिलाएं स्वरोजगार का प्रशिक्षण लेकर छोटे-मोटे उद्यम भी चला रही हैं। दिलचस्प बात यह है कि किसी तरह की सरकारी मदद नहीं मिलने के बावजूद नीता इस अभियान को निरंतर एक नई ऊंचाई प्रदान कर रही है।
पहला कदम : व्यावसायिक आर्ट ग्रुप तुलिका :
वर्ष 2001 में नीता ने अपने सहयोगी मित्रों के साथ मिलकर पहली संस्था के रूप में व्यावसायिक आर्ट ग्रुप 'तुलिका' की स्थापना की। 'तुलिका' के जरिये महज दो वर्षो के अल्प समय में 300 से अधिक महिलाओं को चित्रकारी, शिल्पकला, सिलाई-कढ़ाई, ब्यूटी कल्चर एवं कम्प्यूटर का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण लेने के बाद अधिकांश महिलाएं अपना स्वरोजगार शुरू कर नीता के अभियान को आर्थिक मदद भी दे रही है।
संजोया है सपना 2020 का :
'जनमित्र' की आनुषंगिक इकाइयों के गठन के बाद संगठन के विस्तार में आई गति को देख नीता ने वर्ष 2020 तक 20,000 महिलाओं को स्वरोजगार के जरिये आर्थिक आजादी दिलाने की योजना बनाई है। शायद इसीलिए 'मिशन-20' के माध्यम से इस अभियान के नये अध्याय की शुरुआत की गयी। साथ ही एक अन्य इकाई 'रन वे' के माध्यम से सरकारी स्कूल की बच्चियों को निश्शुल्क ट्यूशन भी दिया जा रहा है।
अबला बनी अपराजिता :
महिलाओं को आर्थिक आजादी दिलाने की मुहिम तेज होने के साथ सामंती सोच वाले पुरुष सत्तावादियों द्वारा जगह-जगह पैदा किये जा रहे अवरोधों को देखते हुए पीड़ित महिलाओं के बीच प्रतिरोध की संस्कृति विकसित करने हेतु नीता ने 'जनमित्र' की आनुषंगिक इकाई 'अपराजिता' का गठन किया है। इस कार्य के जरिये 80 महिलाओं के बैच को 6 महीनों का बहुद्देश्यीय प्रशिक्षण दिया जाता है। साथ ही एक अन्य इकाई 'हेल्प लाइन' के माध्यम से महिला उत्पीड़न एवं यौनिकता से संबंधित मामलों में परामर्श एवं सहयोग भी दिया जाता है। इस इकाई के जरिये छात्राओं को शिक्षा एवं रोजगार से संबंधित परामर्श भी दिया जाता है।