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क्या हत्या करना ही था मुख्य उद्देश्य या कुछ और.. ?

जागरण संवाददाता,आरा : क्या अगवा करने वाले अपराधियों का मुख्य उद्देश्य केवल छात्र की हत्या करना था या

By Edited By: Published: Mon, 20 Apr 2015 08:19 PM (IST)Updated: Mon, 20 Apr 2015 08:19 PM (IST)
क्या हत्या करना ही था मुख्य उद्देश्य या कुछ और.. ?

जागरण संवाददाता,आरा : क्या अगवा करने वाले अपराधियों का मुख्य उद्देश्य केवल छात्र की हत्या करना था या इसके पीछे मंशा कुछ और थी? दस वर्षीय स्कूली छात्र संतोष अपने पीछे कई अनगिनत सवाल छोड़कर गया है। सफेद रंग के शर्ट व पीले रंग के पैंट, स्कूल यूनिफार्म में रोज की तरह पीठ पर बैग लिए स्कूल निकले संतोष को क्या पता था कि यह उसके विद्यालय का अंतिम दिन है। पर शायद होनी को यही मंजूर था। ठीक अठारह अप्रैल को स्कूल से लौटने के दौरान बस से उतरते ही बाइक सवार अपराधियों ने उसे अगवा कर लिया और फिर बेरहमी उसे उसी दिन उसकी हत्या कर दी। साथ ही साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से शव को कुएं में फेंक दिया गया। वो भी मुख्यालय से उत्तर बड़हरा थाना अन्तर्गत पैगा-बखोरापुर पथ पर दुबे छपरा-हाजीपुर गांव के समीप कुएं में। आखिर उसका क्या कसूर था? अभी तो उसने ठीक से दुनिया भी नहीं देखी थी फिर उससे किसी की क्या अदावत होगी। जिसके चलते उसे इतनी बड़ी सजा दी गयी। इसके पीछे कहीं ना कहीं कुछ राज जरूर छुपा है जो कि उद्भेदन होने तक सवाल बनकर कौंधता रहेगा। अगर हत्या करना ही था तो अपहरणकर्ताओं ने बड़हरा को ही सेफ जोन के रूप में क्यों चुना। कहीं ना कहीं इसके तार बड़हरा से भी जुड़े हैं।

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गांव पहुंचते ही गमगीन हुआ माहौल :

संतोष का शव सोमवार को जैसे ही भदवर गांव पहुंचा माहौल काफी गमगीन हो गया। परिजनों के चीखपुकार से सबका कलेजा फटा जा रहा था। पलेन यादव के घर के बाहर काफी भीड़ जमा हो गई थी। पुत्र के वियोग में सरोजा देवी के आंखों से आंसू नहीं थम पा रहे थे। मानो उसकी दुनिया ही लूट गई हो।

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फोटो फाइल 20आरा 7

कैप्सन: पिता से पूछताछ करती पुलिस

पिता ने कहा, नहीं थी किसी से कोई दुश्मनी

जागरण संवाददाता,आरा : चांदी थाना क्षेत्र के भदवर गांव निवासी पलेन यादव पेशे से सेन्टरिंग करता है। सोमवार को जैसे ही अगवा बेटे के शव मिलने की सूचना मिली तो उसके आंखों से आंसू छलक पड़े और भागे-भागे सदर अस्पताल आ पहुंचा। उसने बताया कि क्षेत्र के कई गांवों के लोग उसे जानते-पहचानते हैं, लेकिन किसी से उसकी कोई दुश्मनी नहीं है। फिर न जाने किस मकसद से उसके बेटे को अगवा कर लिया गया और उसकी हत्या कर दी गयी। इधर पुलिस भी अपहरण व हत्या की घटना के बाद कई अहम बिंदुओं पर पूछताछ कर रही है।

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बड़हरा में जांच को पहुंची एफएसल की टीम

आरा,जासं : भोजपुर पुलिस अपहरण व हत्या के इस मामले में वैज्ञानिक अनुसंधान की भी मदद ले रही है। सोमवार को पुलिस अधीक्षक नवीन चन्द्र झा की पहले पर पटना विधि विज्ञान प्रयोगशाला से एफएसएल की टीम को बड़हरा बुलाया गया। टीम ने दुबे छपरा-हाजीपुर स्थित कुएं और उसके आसपास से प्रदर्श के तौर पर कई नमूने लिए। इसके अलावा मारे गये छात्र के जबड़ा के नीचे पाए गये जख्मों के निशान के फुटेज भी लिए गए है। वैज्ञानिक तरीके से भी पुलिस छानबीन कर रही है।

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चार माह पहले भी हुई थी अपहरण कर हत्या

आरा : अपहरण कर हत्या किए जाने की घटना भोजपुर के लिए कोई नई बात नहीं है। चार माह पहले भी एक इंस्पेक्टर पुत्र को अगवा कर उसे मार डाला गया था। नवादा थाना के मौलाबाग,गिरजा घर मोड़ निवासी सीआईएसएफ इंस्पेक्टर सीताराम सिंह के अपहृत पुत्र इन्द्रजीत सिंह की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। आठ दिसम्बर को इंस्पेक्टर के पुत्र का शव कृष्णगढ़ थाना के हेतमपुर गंगा घाट स्थित नदी से बरामद किया गया था। मूल रूप से बिहियां थाना क्षेत्र के जज भड़सरा गांव निवासी सीआईएसएफ इंस्पेक्टर के पुत्र इन्द्रजीत कुमार सिंह (23) तीन दिसम्बर को घर से निकला हुआ था। जिसके बाद से ही वह गायब था। इस दौरान उसका मोबाइल भी स्वीच आफ हो गया था। पांच रोज बाद उसका शव मिला था।


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