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महंगाई : थाली से दूर हुई हरी सब्जियां

By Edited By: Published: Wed, 03 Sep 2014 09:55 AM (IST)Updated: Wed, 03 Sep 2014 09:55 AM (IST)
महंगाई : थाली से दूर हुई हरी सब्जियां

जागरण संवाददाता,आरा : महंगाई के बेतहाशा दौर में हरी सब्जियों की कीमतें भी आसमान छूने लगी हैं। चूंकि खाने की थाली में हरी सब्जी का विशेष महत्व होता है। इसलिए भी लोग थाली में हरी सब्जियों की कमी देख खीझ उठते हैं। पर बाजार में सब्जियों की कीमतें जानने के बाद यह खीझ और भी बढ़ जा रही है। अंतत: लोग कुंदरी और सूखौता (सूखी सब्जियों) से काम चलाने को विवश हैं।

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अचानक कैसे बढ़ी कीमत:

आरा शहर का सब्जी बाजार स्थानीय ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि व्यवस्था पर निर्भर है। फिलहाल अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित है, जिससे सब्जियों के उत्पादन व विपणन दोनों प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में बाहर से आयातित सब्जियां उपभोक्ता तथा दुकानदार दोनों के लिए महंगी साबित हो रही है।

बाहर की सब्जियों पर निर्भर है बाजार :

क्षेत्रीय सब्जियों की बाजार में भारी किल्लत की वजह से इन दिनों आरा का सब्जी बाजार अधिकांशत: आयातित सब्जियों पर ही निर्भर है, जिसमें नासिक का टमाटर, इलाहाबाद का बैगन व छत्तीसगढ़, मोतिहारी, समस्तीपुर, ताजपुर जगहों से आने वाली हरी सब्जियां बाजार में बिक रही है।

सब्जी बाजार में कीमतों की सूची:

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सब्जी - कीमत प्रति किलो

परवल - 30 रु.

बोदी - 24 रु.

भिंडी - 20 रु.

करैला - 28 रु.

टमाटर - 80 रु.

बैगन - 30 रु.

झिगुनी - 20 रु.

आलू - 28 रु.

प्याज - 22 रु.

बैगन - 28 रु.

क्या कहते हैं उपभोक्ता :

चंदवा निवासी पुरुषोत्तम प्रसाद के अनुसार हरी सब्जी की कीमतें बढ़ने से रसोई का स्वाद फीका पड़ गया है। घरेलू बजट को देखते हुए हरी सब्जियों की अल्प मात्रा से काम चलाया जा रहा है।

पकड़ी निवासी मनोज त्रिपाठी बताते हैं कि कीमत बढ़ने से घरेलू बजट तो प्रभावित हुआ ही है, आयातित सब्जियों के उपभोग के दौरान गुणवत्ता की भी कमी महसूस हो रही है। शिवगंज के मो. सिकंदर के अनुसार हरी सब्जियां गरीबों की पहुंच से बाहर हो गयी है। मसाढ़ के मनोज कुमार बताते हैं कि हरी सब्जियों के बदले चना, अदौरी व सोयाबिन की सब्जियां फिलहाल उपभोग के लिए ज्यादा बेहतर है।

क्या कहते हैं दुकानदार :

सब्जियों के विक्रेता गोबिंद के अनुसार, सब्जियों की बढ़ी कीमत के कारण लोग किलो की जगह अब पाव में खरीदारी कर रहे हैं।

.सब्जी विक्रेता मो. इम्ति्याज बताते हैं कि सब्जियों की कीमत बढ़ने से व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हो गया है। ऐसे में खुदरा दुकानदारों के सामने भुखमरी की स्थिति हो गयी है।


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