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आउटडोर से आउट मिले कई चिकित्सक

By Edited By: Published: Fri, 22 Aug 2014 10:13 PM (IST)Updated: Fri, 22 Aug 2014 10:13 PM (IST)
आउटडोर से आउट मिले कई चिकित्सक

आन द स्पाट

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फोटो फाइल 22 आरा 22, 26, 29,

कैप्सन : सदर अस्पताल में खाली पड़ी कुर्सी, निबंधन को कतार में खड़े मरीज, सदर अस्पताल में कतारबद्ध मरीज

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अरुण प्रसाद, आरा: जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में कई चिकित्सकों की लेट-लतिफी से मरीज परेशान होते हैं। वहीं अस्पताल के आलाधिकारी चिकित्सकों की संख्यागत कमी को इसका प्रमुख कारण बताकर अक्सर इस मामले में पल्ला झाड़ लेते हैं। पर मरीजों की समस्याओं का समाधान करने हेतु शायद कोई कारगर कदम नहीं उठाया जाता। तभी तो उपलब्ध चिकित्सकों व कर्मियों के माध्यम से मरीजों को मिलने वाली सेवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पाती है। निबंधन काउंटर से लेकर वाह्य कक्ष के विभिन्न विभागों में मरीजों की लंबी कतार अस्पताल खुलने के साथ ही सुबह 8 बजे से लग जाती है। किंतु चिकित्सकों की लेट-लतिफी के कारण घंटो इंतजार करने के बाद कई मरीज वापस भी लौटने को विवश दिखते हैं। उपरोक्त शिकायतों की जानकारी मिलने के बाद जब दैनिक जागरण की टीम इसकी पड़ताल करने शुक्रवार की सुबह लगभग 9 बजे सदर अस्पताल के बाह्य कक्ष में पहुंची तो सर्जरी विभाग, शिशु रोग विभाग, आंख-नाक विभाग एवं प्रसूति स्त्री रोग विभाग में चिकित्सकों की कुर्सी खाली पड़ी थी। जबकि सभी विभागों के सामने मरीज लंबी कतार में खड़े हलकान हो रहे थे। इस दौरान एक पब्लिक स्कूल के छात्रावास से इलाज कराने आये छोटे-छोटे बच्चे भी चिकित्सक की प्रतीक्षा में घंटों खड़े रहे।

कई दवाएं भी नहीं मिलती अस्पताल में :

सरकारी आदेश को दरकिनार करते हुए आज भी सदर अस्पताल में कुछ चिकित्सकों द्वारा ऐसी दवाएं लिखी जाती है, जो अस्पताल के दवा काउंटर से नहीं मिलने के कारण गरीब मरीजों को भारी कीमत चुका कर बाजार से खरीदनी पड़ती है। विदित हो कि विगत वर्ष सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा बाहर की दवा लिखे जाने पर संबंधित चिकित्सक पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश भी जारी किया गया था। बहरहाल, वर्षा जनित बीमारियों का खतरा बढ़ने के बावजूद सदर अस्पताल के दवा काउंटर पर कफ-सिरप तक उपलब्ध नहीं है।

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क्या कहते हैं मरीज :

शिशु रोग विभाग के सामने निबंधन कराने के बाद घंटों इंतजार करने के बाद भदही टोला की सीता देवी अपने बच्चों का इलाज प्राइवेट क्लीनिक में कराने की विवशता व्यक्त कर रही थी। जबकि कड़ारी के सुरेन्द्र प्रसाद अपनी दो बच्चियों का नेत्र जांच कराने के लिये घंटों इंतजार करने के बाद घर वापस जाने को विवश थे। मौलाबाग की प्रभा देवी भी शिशु रोग विभाग के सामने खड़ी चिकित्सक की प्रतीक्षा करते हुये अपने दु:ख व्यक्त कर रही थी। वहीं प्रसूति स्त्री रोग विभाग के सामने लंबी कतार में खड़ी कुर्था-करपी की रीमा देवी डेढ़ घंटे से चिकित्सक का इंतजार करने के बाद घर लौटने को विवश थी। शीतल टोला की देवंती देवी, बेगमपुर के मो.तस्लीम ने चिकित्सक द्वारा लिखी गयी कई दवाएं अस्पताल से नहीं मिलने की शिकायत की है।

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क्या कहते हैं अधिकारी :

'चिकित्सकों की संख्यागत कमी, मरीजों की बढ़ी संख्या और काम की अधिकता के कारण कई बार चिकित्सक समय से नहीं पहुंच पाते है। शीघ्र ही इस समस्या पर कोई सार्थक हल निकाला जायेगा। मरीजों को परेशानी नहीं हो इसका ध्यान रखा जा रही है। '

डा. जे.के.सिन्हा

उपाधीक्षक,सदर अस्पताल


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