यूपी पुलिस की सूचना पर खुला अपहरण का राज
जागरण संवाददाता,आरा: कृष्णगढ़ थाना क्षेत्र के सरैयां से सात माह पहले गायब राजेश्वर साह के अपहरण के ड्रामा का राज उत्तर प्रदेश पुलिस की सूचना पर खुल सका। बरामद राजेश्वर यूपी के मथुरा स्थित एक आश्रम में रहता था। जब उसे इस बात की जानकारी मिली कि उसके अपहरण को लेकर कृष्णगढ़ थाना में मुकदमा किया गया है तो उसने मथुरा के ही गोवर्द्धन थाना में जाकर पूरी बात से यूपी पुलिस को अवगत कराया। जिसके बाद यूपी पुलिस ने भोजपुर पुलिस से संपर्क साधा और कृष्णगढ़ थाना प्रभारी सुशील कुमार तथा दरोगा जितेन्द्र कुमार सिंह ने पूरे मामला का भंडाफोड़ किया।
सरैयां (भोजपुर) से हमारे संवाद सूत्र के अनुसार, कृष्णगढ़ थाना क्षेत्र के सरैयां गांव निवासी राजेश्वर साह ने वर्ष 1970 में चन्द्रावती देवी नामक महिला से पहली शादी की थी। इस दौरान वर्ष 1976 में बीमारी से पहली पत्नी चन्द्रावती देवी की मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद राजेश्वर साह ने मनोरमा देवी नामक महिला से दूसरी शादी कर ली थी। उससे भी तीन लड़का और दो लड़की है। इधर जनवरी 2014 में मनोरमा देवी ने अपनी मृत सौतन स्व.चन्द्रावती देवी के नाम पर कोर्ट परिवाद पत्र दायर किया था। जिसके आधार पर पुलिस ने कांड संख्या 10/14 एवं धारा 364/120 (बी) के तहत अपहरण का मुकदमा दर्ज कर केस की तफ्तीश कर रही थी। दर्ज प्राथमिकी में उसने पन्ना लाल यादव, राजेश यादव तथा विश्वनाथ सिंह को अभियुक्त बनाया था। थाना प्रभारी के अनुसार राजेश्वर साह की दूसरी पत्नी और पुत्र उसे संपत्ति के लिए बराबर प्रताड़ित किया करते थे। इस दौरान राजेश्वर साह ने अपना मकान पन्ना लाल यादव को बेच दिया था। इस दौरान प्रताड़ना से तंग आकर गृहस्वामी मथुरा भाग गया था और वहीं के एक आश्रम में रहता था। बरामद गृहस्वामी के बयान से अपहरण के पूरे मामले का पटाक्षेप हो गया है।