'आदमी मुसाफिर है आता है जाता है..'
जागरण संवाददाता, आरा : मशहूर पाश्र्र्वगायक मो.रफी की पुण्यतिथि के अवसर पर भोजपुर कलाकार संघ के बैनर तले स्थानीय हितनारायण क्षत्रिय +2 विद्यालय में 'एक शाम स्व.मो.रफी के नाम' कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें स्थानीय कलाकारों, चिकित्सकों के अलावे पटना की गायिका ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। इसमें आकर्षण का केन्द्र बनी पटना की गायिका मेधा श्रीवास्तव।
कार्यक्रम का उद्घाटन शहर के वरिष्ठ चिकित्सक डा.के.बी.सहाय ने फीता काटकर व दीप जलाकर किया। इस अवसर पर डा.सहाय ने कहा कि मो.रफी महान गायक थे। संगीत के प्रति पूर्ण समर्पण के कारण वे आज भी याद किये जाते हैं। वे अपने गीतों के माध्यम से हमेशा हमारे बीच मौजूद रहेंगे। वहीं डा.सतीश कुमार सिन्हा ने कहा कि मो.रफी साहब के गीत व आवाज ताकयामत रहेगी। उन्होंने एक रफी साहब की शान में एक रचना पढ़ी-'तुम्हारी आवाज जिन्दा रहती, तुम्हारी शख्सियत भले इंसान की पहचान, तुम्हारी मखमली आवाज सबको जोड़ा है...।'
सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ दीपक प्रकाश जैन, पप्पु पुरुषोत्तम, प्रकाश सुमन और सुकांत रत्न द्वारा प्रस्तुत भजन 'ईश्वर अल्लाह तेरो नाम सबको सन्मति दे भगवान..' से हुआ। तदोपरांत बरमेश्वर ने 'जल्दी-जल्दी चलऽ रे कहरा सुरूज डूबे रे..', मंजूर खान 'अकेले हैं चले आओ जहां हो..', पप्पु पुरुषोत्तम 'दिल जो न कह सका..', डा.सतीश कुमार सिन्हा 'सौ बार जन्म लेंगे..', डा. मदन मोहन द्विवेदी 'बड़ी दूर से आये हैं प्यार ', प्रकाश सुमन 'मेरे पैरों में घुंघरु बंधा दे तो फिर..' ने प्रस्तुत किया। वहीं पटना की मशहूर गायिका मेधा श्रीवास्तव ने 'आदमी मुसाफिर है आता है जाता है..' को अपनी मधुर आवाज में पेश किया। रमेश वर्मन, मेधा श्रीवास्तव और अनूप श्रीवास्तव ने मशहूर गीत 'दिल ने फिर याद किया..' और सुकांत रत्न ने कव्वाली 'ये माना मेरी जां..' को प्रस्तुत किया। इनके अलावे पूर्णिमा, अशोक राज, नवाब ताहिर आदि ने भी गीत प्रस्तुत किया। वाद्य यंत्रों पर राजकुमार(गिटार), धीरज(पैड), भरत आर्य(नाल), चन्द्रमोहन ओझा(तबला), मुन्ना वर्मन व सरोज सुमन(ऑर्गन) थे। मंच संचालक डा.प्रतीक ने अपने चुटकुले से काफी मनोरंजन किया। इस अवसर पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा.जे.के.सिन्हा, डा.के.सहाय, रीतु सिन्हा समेत अन्य लोग उपस्थित थे।