जहां सबकी मनोकामना होती पूरी
संवाद सूत्र, शाहपुर (भोजपुर): प्रखंड के दियारा क्षेत्र अन्तर्गत भीमपट्टी गांव स्थित बाबा सिद्धनाथ का मंदिर वर्षो पुरानाहै। जिसकी ख्याति देश की पहली राजधानी कलकत्ता से लेकर नयी राजधानी नयी दिल्ली तक फैली हुई है। लोगों की हर मनोकामना व मनोरथों को पूर्ण करने के कारण इन्हें सिद्धनाथ शंकर कहा जाता है। प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में भक्त व श्रद्धालु यहां आकर भगवान शिव अर्थात सिद्धनाथ व बैजू दास का दर्शन करते हैं। यहां भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
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कहां अवस्थित है यह मंदिर : भोजपुर जनपद के शाहपुर प्रखंड मुख्यालय से लगभग 12 किमी उत्तर पश्चिम करनामेपुर बाजार के समीप भीमपट्टी के उत्तर दिशा में यह भव्य बाबा सिद्धनाथ यानी शंकर भगवान का मंदिर लगभग 4 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
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क्या है मंदिर की विशेषता : करीब सौ वर्ष पूर्व जैसा लोग बताते हैं कि एक छोटा मंदिर था जहां पत्थर रूपी भगवान शिव की पूजा हुआ करता था। लेकिन पूजा के पश्चात भक्तों द्वारा मांगी गयी मनोकामनाएं पूरी होने लगी। जिसके कारण भक्तों द्वारा सिद्धि प्रदान करने वाले शिव को बाबा सिद्धनाथ कहा जाने लगा। मंदिर को दानकर्ता भक्तों द्वारा बनवाया गया। जबकि श्रमिक के रूप में काम करने वाले आसपास के लोग श्रमदान कर निर्माण कराया। मंदिर निर्माण होने के बाद वहीं प्राचीन पत्थर के शिवलिंग की पुन: स्थापना गर्भगृह में कराया गया। मंदिर की दीवारों पर लक्ष्मी-गणेश सहित अन्य कई देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। मुख्य मंदिर की पूरब दिशा में हनुमान जी का मंदिर है। उक्त दोनों मंदिरों में हमेशा शुद्ध घी के दिये जलते रहते हैं। दोनों मंदिरों के ठीक सामने भक्त बाबा बैजू दास उर्फ बाबा बैजू की कुटिया स्थित है।