'विक्रमशिला' के दो किलोमीटर की परिधि में होगा केंद्रीय विवि
संसद में 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद अब तक कहलगांव (भागलपुर) में केंद्रीय विश्वविद्यालय को जमीन नहीं मिली है। तीन स्थानों पर जमीन देखी गई है। तीनों ही ऐतिहासिक विक्रमशिला के दो किलोमीटर की परिधि में है।
भागलपुर । संसद में 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद अब तक कहलगांव (भागलपुर) में केंद्रीय विश्वविद्यालय को जमीन नहीं मिली है। तीन स्थानों पर जमीन देखी गई है। तीनों ही ऐतिहासिक विक्रमशिला के दो किलोमीटर की परिधि में है।
केंद्र सरकार जमीन के लिए वाया राज्य सरकार कई पत्र लिख चुकी है। राष्ट्रपति के आगमन पर केंद्र सरकार ने तीन अलग-अलग जमीन का प्रस्ताव मांगा था। इस प्रस्ताव बात आगे बढ़ी है। तीनों स्थानों पर जमीन का नक्शा का स्केच तैयार कर लिया गया है।
कहलगांव के भूमि सुधार उप समाहर्ता रवि रंजन गुप्ता ने कहा कि विक्रमशिला ऐतिहासिक धरोहर के दो किलोमीटर की परिधि में तीन-अलग स्थानों पर जमीन का चयन किया गया है। इसका भौगोलिक नक्शा तैयार कर लिया गया है। सीओ व कर्मचारी को जमीन संबंधी खेसरा व मौजा की सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है। पिछले तीन-चार दिनों से अनुमंडल के कर्मी राष्ट्रपति के कार्यक्रम में लगे हुए हैं इसलिए खेसरा व मौजा की सूची तैयार नहीं हुई है। जमीन का चयन कहलगांव प्रखंड की सीमा में ही किया गया है। मालूम हो कि तीन खेसरा मिलाकर पूर्व में 501 एकड़ जमीन का प्रस्ताव शिक्षा विभाग को भेजा गया था। एक प्रस्ताव को केंद्र ने खारिज कर कहा कि दो और प्रस्ताव भेजें। डीसीएलआर ने कहा कि पहले का एक मिलाकर कुल तीन प्रस्ताव केंद्र को भेजे जाएंगे।
उधर, कहलगांव के विधायक सदानंद सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो 500 करोड़ की घोषणा की थी वह राशि अब तक केंद्र से बिहार को नहीं मिली है। सिंह ने कहा कि इसके लिए उन्होंने सदन में आवाज भी उठाई थी। जमीन के अभाव में यह प्रोजेक्ट दो वर्ष से लंबित चल रहा है। गत दिनों विधान सभा में केंद्रीय विश्वविद्यालय को लेकर जिले के कांग्रेस के दोनों विधायकों ने प्रश्न पूछा था, जिस पर शिक्षा मंत्री ने तीन महीने में जमीन मिल जाने का भरोसा दिया है। पूर्व विधायक अमन कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति के संज्ञान लेने के बाद अब इस प्रोजेक्ट के प्रति केंद्र सरकार की सक्रियता बढ़ेगी।