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500 करोड़ का हुआ सृजन घोटाला, सरकारी धन से देश भर में होता था कारोबार

बिहार के भागलपुर में हुए सृजन घोटाला के तार दूर-दूर तक पसरे दिख रहे हैं। इस सरकारी धन से दूसरे राज्यों में करोबार होता था। यह घोटाला 500 करोड़ का हो चुका है।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 10 Aug 2017 08:22 PM (IST)Updated: Fri, 11 Aug 2017 07:26 PM (IST)
500 करोड़ का हुआ सृजन घोटाला, सरकारी धन से देश भर में होता था कारोबार
500 करोड़ का हुआ सृजन घोटाला, सरकारी धन से देश भर में होता था कारोबार

भागलपुर [जेएनएन]। भागलपुर का सृजन घोटाला 500 करोड़ से अधिक का हो गया है। अभी परतें खुल रहीं। बिहार में ही नहीं पूरे देश में घोटालेबाजों के नेटवर्क का पता चला है। दो दिनों की जांच में 300 करोड़ के घोटाले के कागजात मिल चुके है। देश भर में सृजन के बैंक खाते जब्त किए जा रहे। घोटालेबाजों के ठिकानों से तीन पूर्व जिलाधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर वाले  चेक मिले हैं। इन चेक के जरिए करोड़ों में राशि सृजन महिला विकास सहयोग समिति के खाते में जमा की गई है।

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दूसरे राज्यों में भी कारोबार
कई अन्य मद में जारी सरकारी राशि भी गायब है। फिलहाल पुलिस अभी खुलासा करने से कतरा रही है। इस सरकारी राशि को पड़ोसी राज्य झारखंड, ओडिशा और दिल्ली में कारोबार के लिए लगाया है। जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि जब जिला प्रशासन ने दोनों बैंक में भुगतान के लिए चेक जारी किया उससे ठीक दो दिन पहले सृजन महिला की तरफ से उतनी राशि सरकारी खजाने में जमा कर दी जा रही थी। इससे यह माना जा रहा है। यहां की राशि दूसरे राज्यों में लगाई जा रही थी। एसएसपी ने डीजीपी को पत्र लिखकर पूरे देश के सृजन के खाते फ्रीज करने का अनुरोध किया है।
आधा दर्जन पकड़े गए
जिला प्रशासन, बैंक और सृजन संस्था के बीच सरकारी राशि का खेल उजागर होने के बाद गुरुवार को इंडियन बैंक के जोनल मैनेजर बुद्ध सिंह और भागलपुर ब्रांच के असिस्टेंट मैनेजर परमानन्द कुमार से फिर पूछताछ हुई। जोनल मैनेजर से डीआइजी विकास वैभव और सिटी डीएसपी सहरियार अख्तर ने करीब एक घंटे तक सर्किट हाउस में पूछताछ की।

इसके बाद नजारत शाखा के लिपिक राकेश कुमार झा से पूछताछ की गई। सूचना है नजारत शाखा का लिपिक अमरेन्द्र कुमार यादव फरार हो गया है। इसके बयान पर इस घोटाले का पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में अब तक आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया है। सृजन के अकाउंटेंट को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन पुलिस अभी इसकी पुष्टि नहीं कर रही है।
शहर छोड़कर भागे कारोबारी
शहर के कई बड़े व्यवसायी छापेमारी और गिरफ्तारी के डर से शहर छोड़ फरार हो गए है। मामले की जांच को गठित एसआइटी ने सृजन महिला विकास सहयोग समिति की संस्थापक मनोरमा देवी के नवगछिया स्थित पैतृक निवास गोसाई गांव सहित मुख्य मंत्री विकास राशि घोटाले के मामले में जिला परिषद सदस्य शिव मंडल के पिस्ता चौक स्थित घर पर भी छापेमारी की।

इसके बाद भीखनपुर बोसपार्क स्थिति श्रीकुंज आपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 3-बी में छापेमारी की है। इस फ्लैट में बिगशॉप के संचालक किशोर कुमार रहते हैं। वे बुधवार रात 9 बजे ही घर से फरार हो गए। एक टीम ने फिर सृजन संस्था में जाकर महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किये। इसके अलावा सबौर, भीखनपुर, तिलकामांझी में भी इस घोटाले से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी हुई है। जिनके यहां छापेमारी हुई है, वे सभी सृजन से जुड़े हैं और इस गोरखधंधे में शामिल हैं।
पूछताछ में लगे बड़े अधिकारी
तीन डीएसपी की संयुक्त टीम बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक में कागजातों का मिलान करती रही। कुछ जरूरी कागजात भी जब्त किए गए। दूसरे दिन भी सर्किट हाउस ही पूछताछ का केन्द्र बना रहा। आर्थिक अपराध इकाई के आइजी जितेन्द्र सिंह गंगवार, जोनल आइजी सुशील मानसिंह खोपड़े, डीआइजी विकास वैभव, एसएसपी मनोज कुमार और एएसपी सुशील कुमार समेत अन्य अफसर सभी आरोपितों से पूछताछ की। पुलिस को पास कई ऐसे महत्वपूर्ण कागजात हाथ लगे हैं जिससे यह माना जा रहा है इस घोटाले की राशि और बढ़ जाएगी।


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