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आओ खेलें चुनाव..चुनाव

आओ खेलें चुनाव..चुनाव। यह तमाशा देखकर नागरिक का अंकगणित गड़बड़ा गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Apr 2017 01:59 AM (IST)Updated: Mon, 24 Apr 2017 01:59 AM (IST)
आओ खेलें चुनाव..चुनाव
आओ खेलें चुनाव..चुनाव

आओ खेलें चुनाव..चुनाव। यह तमाशा देखकर नागरिक का अंकगणित गड़बड़ा गया है। आप सोच रहे होंगे चुनाव और गणित का क्या संबंध है। चुनाव में 'गणित' ही एक शब्द है जो अलग-अलग परिभाषित होती है। कहीं गणित का नाम समीकरण हो जाता है तो कहीं कुछ और। लेकिन चुनाव छोटा हो या बड़ा तनाव तो देता है। लड़ने वाले और लड़ाने वाले दोनों को। कुछेक इससे अलग होते हैं उनकी भी गणित होती है कि बस खड़े हो जाओ, माल समेटो और चुपचाप बैठ जाओ। मुझे लगता है कि गणित की गणित आपको भी समझ आ रही होगी।

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अब सवाल उठता है कि चुनाव में तो गणित की चर्चा है। गणित के कई प्रकार हैं मसलन, अंकगणित, बीजगणित और न जाने क्या-क्या। लेकिन इस नगर निगम के चुनाव को देखकर नागरिक का अंकगणित गड़बड़ा गया है। आप जानना चाहेंगे कैसे। कई जाने पहचाने और कई अनजान चेहरे इस बार चुनावी मैदान में ताल ठोकने के लिए तैयारी कर रहे थे। लेकिन अचानक चुनाव आयोग ने बच्चे के नाम पर कुछ की गणित गड़बड़ा दी। कई तरह की मेहनत पर एक झटके में पानी फिर गया। खैर जो इस चाबुक से बच गए उन्होंने राहत की सांस ली। उनके मन में भाव आया होगा कि समझदारी ही काम आती है। यह तो एक मुद्दा है। नागरिक थोड़ा चकराया जो बचे वे कहां से लाएंगे प्रस्तावक। भाई लोग भी कमतर नहीं। उन्होंने नई गणित कर दी। छात्रों को अपना प्रस्तावक बना लिया। बनाते रहो दो बच्चों का कानून। यहां तो सबकुछ चलता रहेगा।

आपके जेहन में भी सवाल उठता होगा कि आखिर नागरिक अगला मेयर और डिप्टी मेयर की चर्चा क्यों नहीं कर रहा है। बात भी लाजिमी है। इस मुद्दे पर नागरिक ही गड़बड़ा गया। पूरे शहर के 51 वार्ड में नागरिक घूमा। सभी प्रत्याशी से मिला। सभी बोले अबकी बार डिप्टी मेयर की तैयारी में हैं। मेयर की चर्चा कोई नहीं कर रहा। जब से मेयर की सीट महिला आरक्षित हो गई है तब से भाई लोग डिप्टी मेयर के लिए ही कुश्ती लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। अब आप ही सोचिए ऐसे में तो किसी की भी गणित धड़ाम हो जाएगी। खैर कोई न कोई मेयर होगा और कोई डिप्टी मेयर।

चुनावी बुखार चढ़ गया है, अब सभी रिश्ते नाते निकलने लगे हैं। चौखट नपनी भी शुरू हो गई है। हर तरफ एक ही आवाज अबकी चाची देख लेना..बाकी सब ठीक है।

चुनाव मोहल्ले का है, अब चाची भी चतुर हो गई हैं अब वे भी कह दे रही हैं कि बबुआ चिंता मत करो यहां भी सब ठीक है। अब खुद ही समझ लेना है कि क्या ठीक है..। अब लगाते रहिए चाची और बबुआ के बीच में क्या गणित हो गई। पर नागरिक भी कम नहीं। इस पूरे चुनाव में क्या हो रहा है इस पर उसकी पूरी नजर है। भले अभी अंकगणित गड़बड़ा गया है लेकिन कुछ गणितज्ञ की तलाश में नागरिक भी गणित को समझ रहा है।


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