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यात्रियों को खूब भाया एलएचबी कोच वाले अंग एक्सप्रेस

भागलपुर। भागलपुर रेलवे स्टेशन से बुधवार को 22 एलएचबी कोच के साथ अंग एक्सप्रेस रवाना हुई। स्टेशन से द

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Feb 2017 02:10 AM (IST)Updated: Thu, 23 Feb 2017 02:10 AM (IST)
यात्रियों को खूब भाया एलएचबी कोच वाले अंग एक्सप्रेस
यात्रियों को खूब भाया एलएचबी कोच वाले अंग एक्सप्रेस

भागलपुर। भागलपुर रेलवे स्टेशन से बुधवार को 22 एलएचबी कोच के साथ अंग एक्सप्रेस रवाना हुई। स्टेशन से दोपहर 1.30 बजे चालक एमएस अहमद ट्रेन लेकर रवाना हुए। अंग एक्सप्रेस की सुविधा से यात्री काफी उत्साहित थे। यात्रियों ने भागलपुर से खुलने वाली ओर भी ट्रेनों में सुविधा बढ़ाने की मांग कर रहे थे। एलएचबी कोच से लैस ये पहली गाड़ी भागलपुर से खुली। पूर्व में अंग एक्सप्रेस में 23 कोच की व्यवस्था थी। अब एचएलबी कोच लगाने के बाद अंग एक्सप्रेस 22 कोच की हो गई। जनरल कोच की संख्या घटा कर चार कर दी गई। स्लीपर कोच में आठ, थ्री एसी में आठ व टू एसी में छह सीटें बढ़ गई है। स्लीपर की 10, एसी थ्री के चार, एसीटू के एक, एसएलआर के दो व एक पेंट्रीकार दी गई है। स्लीपर कोच में 72 बर्थ की जगह अब प्रति स्लीपर कोच में 80 बर्थ हो गई है।

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एलएचबी कोच की विशेषता :

पुराने डिजाइन के कोच की अपेक्षा एलएचबी कोच काफी सुरक्षित व हल्की होती है। कोच को स्टील के प्लेट से तैयार की गई है। दुर्घटना हुई तो जानमाल का नुकसान नहीं होगा। स्टील बॉडी की वजह कोच हल्की हो गई है। दुर्घटना घटने पर कोच क्षतिग्रस्त नहीं होगा। इतना ही कोच के उपर कोच नहीं चढ़ेगी। एलएचबी कोच हल्के व सुरक्षित होने के कारण इसकी स्पीड में भी बढ़ेगी। ट्रेन में गैस सिलेंडर से रसोईयान में भोजन तैयार किया जाता है। लेकिन एलएचबी कोच के रसोईयान में सिलेंडर की व्यवस्था समाप्त कर अब इलेक्ट्रिक हीटर से भोजन तैयार होंगे। रोटी के लिए चूल्हा दिया गया है। साथ इंडेक्सन चूल्हे की सुविधा दी गई है।

यात्रियों की राय :

1. अनिल कुमार भगत : मार्डन कोच है। दिखने में अच्छा लग रहा है। साइड अपर में पर्याप्त जगह है। गाड़ी कर स्पीड बढ़ने से समय की बचत होगी। एलएचबी कोच से दुर्घटना की आशंका कम होगी। ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने की जरूरत है।

2. गुलफिजा : साफ व आरामदायक है। भागलपुर से खुलने वाली ट्रेनों में एलएचबी की सुविधा देने की आवश्यकता है। इसके लिए रेल प्रशासन को प्रयास करना चाहिए।

3. रूपेश पंडित : नए मॉडल की कोच आकर्षक व सुखद अहसास करा रही है। पुराने के बॉगी की अनुपात में सुविधा बढ़ी है। दक्षिण भारत जाने के लिए कोलकाता व पटना स्टेशन जाना पड़ता है। इस ट्रेन को कम से कम सप्ताह में तीन दिन करना चाहिए।

4. चांद झुनझुनवाला : हाई क्लास की बॉगी है। शौचालय व बेसिन व डस्टबीन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। रेलवे ने भागलपुर रेल मार्ग पर ध्यान दिया है।


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