मार्च 2018 तक पूरा हो जाएगा सेतु मरम्मत कार्य
भागलपुर। मार्च 2018 तक विक्रमशिला सेतु मरम्मत का कार्य पूरा होगा। एक सप्ताह में सेतु सड़क निर्माण का
भागलपुर। मार्च 2018 तक विक्रमशिला सेतु मरम्मत का कार्य पूरा होगा। एक सप्ताह में सेतु सड़क निर्माण का कार्य शुरू होगा। एक दिन में तकरीबन सात सौ मीटर सड़क बनेगी। सड़क निर्माण का कार्य एक ओर से शुरू होगा। पंद्रह दिनों में सड़क निर्माण का कार्य पूरा होगा।
विक्रमशिला सेतु की मरम्मत करा रही एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार साढ़े चार किलोमीटर लंबी सेतु सड़क निर्माण का कार्य अगले बुधवार से शुरू होगी। यातायात व्यवस्था सामान्य रहने पर पंद्रह दिनों में सड़क बनाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। पीचिंग करने के बाद टेंडभ रोलर मशीन चलाया जाएगा। इस मशीन का काम तापमान को कम करना है। इससे एक घंटे बाद वाहनों के परिचालन पर सड़क को नुकसान नहीं पहुंचेगा। एक दिन में सात सौ मीटर ही सड़क निर्माण हो पाएगा। पंद्रह दिनों में चार दिन होली पर्व में काम बंद रहेगा। कार्य एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि सड़क निर्माण के दौरान भी वन-वे ट्रैफिक जारी रहेगा। किसी भी कीमत पर आवश्यक सेवा संबंधी वाहनों के परिचालन पर रोक नहीं लगाया जा सकता है।
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दो दिन से ज्यादा मिट्टी ढुलाई वाहन के परिचालन पर रोक की उम्मीद कम
स्थाई बाइपास निर्माण के लिए मिट्टी ढुलाई की जा रही है। नवगछिया से भागलपुर ले जाने के क्रम में वाहन से मामूली मिट्टी गिरता है। वन-वे ट्रैफिक की व्यवस्था से मिट्टी ढोने से सड़क निर्माण में ज्यादा फर्क आने वाला नहीं है। ज्यादा दिक्कत होने पर जिला प्रशासन को लिखा जाएगा। हालांकि स्थाई बाइपास निर्माण कार्य प्रभावित होने की संभावना पर जिला प्रशासन द्वारा भी एक-दो दिन से ज्यादा मिट्टी ढुलाई पर रोक लगाने के आदेश देने की उम्मीद कम है।
इस दौरान बेय¨रग की मरम्मत कार्य जारी रहेगा। मुंबई से नई बेय¨रग आने के बाद डैमेज बेय¨रग बदली जाएगी। उन्होंने बताया कि पुल दुरुस्तीकरण कार्य के लिए डेढ़ साल का समय दिया गया है। लेकिन निर्धारित समय से पहले से ही कार्य पूरा करने की योजना है। मार्च 2018 तक पुल मरम्मत का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
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एक जगह घंटों भारी वाहनों के खड़े रहने से पुल पर बढ़ेगा दबाव
अधिकारियों का कहना है कि मरम्मत के बाद दस-पंद्रह साल आयु और बढ़ जाएगी। लेकिन पिछले पंद्रह दिनों के भीतर तीन दिन वाहनों के खराब होने से जाम लगता है। जाम के कारण घंटों पुल पर भारी वाहन एक जगह पर खड़े रहता है। वाहनों के चलते रहने से पुल पर असर नहीं पड़ता है, लेकिन एक जगह घंटों भारी वाहनों के खड़े रहने से पुल पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इसलिए पुल पर जाम नहीं लगे इसके लिए खराब वाहन को क्रेन से हटाने की तुरंत व्यवस्था होनी चाहिए। हालांकि अबतक जाम के कारण मरम्मत कार्य प्रभावित नहीं हुआ है।
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बारिश मौसम व गंगा में बाढ़ आने से मरम्मत कार्यो में नहीं पड़ेगा फर्क
अधिकारियों ने बताया कि बारिश मौसम में या गंगा में बाढ़ आने से पुल की मरम्मत कार्यो में थोड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन मरम्मत कार्य जारी रहेगा। बेय¨रग की मरम्मत व बेय¨रग बदलने का काम जारी रहेगा।
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फोर लेन बनने के बाद विक्रमशिला सेतु पर काफी कम हो जाएगा दबाव
विक्रमशिला सेतु का निर्माण तकरीबन 40 साल के लिए है। टू लेन वाले इस पुल दिनोंदिन इस पुल पर वाहनों का दबाव बढ़ता जा रहा है। इसलिए इस सेतु के समानांतर पुल की जल्द जरूरी है।
पुल निर्माण निगम के अधिकारियों के अनुसार समानांतर पुल के डीपीआर बनाने वाली एजेंसी चयन का टेंडर किया गया है। एक मार्च को टेंडर का तकनीकी बिड खुलेगा। तकनीकी बिड में सफल होने वाली एजेंसी का टेंडर का वित्तीय बिड खुलेगा। डीपीआर बनाने वाली एजेंसी के चयन के बाद ही टेंडर की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि समानांतर पुल फोर लेन बनेगा। फोर लेन पुल के निर्माण में एक हजार करोड़ से अधिक खर्च होने का अनुमान है। अधिकारियों ने बताया कि फोर लेन पुल बनने के बाद विक्रमशिला सेतु पर दबाव काफी कम होगा। क्योंकि विक्रमशिला सेतु पर भारी वाहनों का परिचालन बंद कर सिर्फ हल्की गाड़ियां चलाने की योजना है। वैसे तो 23 जुलाई 2001 को चालू विक्रमशिला सेतु की मियाद 35-40 साल है।