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अब यहां भी होगी कोटा और दिल्ली जैसी स्मार्ट पढ़ाई, छात्रों को नहीं जाना होगा बाहर

अब भागलपुर के छात्रों को बाहर जाने की जरुरत नहीं होगी। यहां भी बेहतर शिक्षा देने की व्‍यवस्‍था की जा रही है। इस दिशा में कई शिक्षण संस्‍थानों ने नई योजना बनाई है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 08:22 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 08:22 AM (IST)
अब यहां भी होगी कोटा और दिल्ली जैसी स्मार्ट पढ़ाई, छात्रों को नहीं जाना होगा बाहर
अब यहां भी होगी कोटा और दिल्ली जैसी स्मार्ट पढ़ाई, छात्रों को नहीं जाना होगा बाहर

भागलपुर, जेएनएन। अब भागलपुर में भी कोटा, दिल्ली और मुंबई जैसी स्मार्ट पढ़ाई होगी। यहां के मेधावी बच्चे अब इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी करने के लिए अन्य राज्यों व शहरों में पलायन नहीं करेंगे। शहर के नामचीन संस्थानों ने बच्चों को स्मार्ट पढ़ाई देने के लिए कमर कस ली है।

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कोचिंग संस्थानों के प्रबंधनों की मानें तो यहां के शिक्षक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने में सक्षम हैं। जब मेधावी बच्चे अन्य राज्यों में जाने के बजाय यहां रुकेंगे तो शिक्षक भी बेहतर पढ़ाई करवाने की ओर अग्रसर होंगे। इसका सीधा लाभ छात्रों को मिलेगा। बेहतर रिजल्ट होगा तो राष्ट्रीय फलक पर भी शहर का नाम आएगा।

आइआइटियन व वीजे इंटरनेशनल स्कूल के निदेशक वाचस्पति झा ने बताया कि कोटा से लौटे शिक्षकों ने यहां के कोचिंग संस्थानों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। तीन शिक्षक उनके पास भी आए थे। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद उन्हें बायोडेटा देने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि इस शहर में काफी मेधावी शिक्षक हैं। कोटा से लौटे मेधावी छात्रों को पढ़ाने में उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी। कोचिंग संस्थान और बेहतर व्यवस्था बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्राथमिकता के तौर पर कोटा से लौटे छात्रों का पहले 12वीं का सिलेबस पूरा कराना होगा। मेडिकल-इंजीनियरिंग की पढ़ाई में छूटे टॉपिक को पूरा करना होगा। इसके बाद टेस्ट सीरीज के माध्यम से छात्रों को अभ्यास कराया जाएगा।

दिशा न्यूक्लियस के निदेशक रामकृष्ण ने बताया कि कोटा में एप्लीकेशन बेस्ट ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जाती है। संस्थान में नेक्स्ट एजुकेशन के लर्निंग प्लेटफॉर्म पर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। यदि मेधावी बच्चे शहर में रुकेंगे तो शिक्षक भी बेहतर पढ़ाई करवाने का प्रयास करेंगे। कोटा का डेली अभ्यास पत्र काफी अच्छा होता है। ऐसा भागलपुर में नहीं है। वहां का प्रबंधन हमेशा अभिभावकों के संपर्क में रहता है। कोटा के कुछ संस्थानों के शिक्षकों ने यहां पढ़ाने के लिए संपर्क किया है। शिक्षक अगले दो-तीन साल तक वहां नहीं लौटना चाहते हैं। ऐसे शिक्षकों की भी यहां मदद ली जाएगी।


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