झारखंड चुनाव में व्यवधान लाने को बिहार पहुंचा माओवादियों का हिरावल दस्ता
झारखंड प्रदेश में 25 से पांच चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अर्धसैनिक बलों की भारी मौजूदगी के दवाब में माओवादियों के हिरावल दस्ते के बिहार की सीमा में प्रवेश करने की बात सामने आई है। खुफिया विभाग की इस रिपोर्ट से बिहार-झारखंड सीमा के बांका, मुंगेर, जमुई,
भागलपुर। झारखंड प्रदेश में 25 से पांच चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अर्धसैनिक बलों की भारी मौजूदगी के दवाब में माओवादियों के हिरावल दस्ते के बिहार की सीमा में प्रवेश करने की बात सामने आई है। खुफिया विभाग की इस रिपोर्ट से बिहार-झारखंड सीमा के बांका, मुंगेर, जमुई, भागलपुर, लखीसराय आदि इलाके में हाई अलर्ट कर दिया गया है। सीमावर्ती इलाके में छोटी-से छोटी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। एहतियाती तौर पर रिजर्व बल को सतर्क रखा गया है।
खुफिया विभाग ने संचार तकनीकी के जरिए माओवादियों का संदेश पकड़ने में कामयाबी पाई है कि हार्डकोर नक्सलियों का हिरावल दस्ता जमुई, मुंगेर, बांका, भागलपुर, लखीसराय इलाके में प्रवेश कर गया है। माओवादियों के शीर्ष कमांडरों ने झारखंड में अर्धसैनिक बलों की ओर से बढ़ाए गए दवाब और घेराबंदी से बचने के लिए रणनीति के तहत झारखंड में सक्रिय अपने बेहतर हिरावल दस्तों को बिहार सीमा में प्रवेश कराया है।
ऐसा कहा जा रहा है कि माओवादियों की रणनीति है कि वे झारखंड की सीमा को छूती उड़ीसा के इलाकों में सक्रिय दस्ते से अपनी काली योजना को अमली जामा पहनाए। ऐसी खुफिय सूचना है कि उन दस्ते के कमांडरों को मदद की जरूरत पड़ने पर बिहार सीमा में छिपे हिरावल दस्ते को वहां निर्णायक स्थिति में भेजा जाए। इस बीच अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियां झारखंड के जंगली ठिकानों पर दबिश देती रहेगी लेकिन शांतिपूर्ण मतदान के लिए चलाए जा रहे उनके आपरेशन में माओवादी किसी बड़े नुकसान से आसानी से बचे रह सके। माओवादियों की इस काली योजना की जानकारी तकनीकी माध्यम से खुफिया विभाग को मिल गई। माओवादियों की इस काले मंसूबे को चकनाचूर करने के लिए पुलिस नए सिरे से अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।